लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण की वोटिंग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केदारनाथ यात्रा पर विवाद शुरू हो गया है। बंगाल में भाजपा से कड़ी चुनौती का सामना कर रही तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है। बंगाल के सत्ताधारी दल ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी में पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे के टीवी प्रसारण को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। टीएमसी का कहना है कि पीएम मोदी ने चुनाव आचार संहिता तोड़ी है। पीएम मोदी ने केदारनाथ में चल रहे कामकाज के मास्टर प्लान का जिक्र किया और मीडिया को संबोधित किया। प्रचार समाप्त होने के बाद ऐसा करना आचार संहिता का सीधा उल्लंघन है। 

तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में कहा, 'लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान के लिए प्रचार खत्म हो गया है। लेकिन हैरानी की बात है कि पिछले दो दिन से पीएम मोदी की केदारनाथ यात्रा को मीडिया की ओर से बहुत कवरेज दी जा रही है। चुनाव आचार संहिता का यह बड़ा उल्लंघन है।' 

बंगाल में अंतिम चरण में नौ लोकसभा सीटों के लिए मतदान चल रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान सभी चरणों में बंगाल में काफी हिंसा हुई है। अंतिम चरण की वोटिंग से पहले ही बंगाल में दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच काफी झड़पें हुई हैं। हिंसा के चलते ही चुनाव आयोग ने यहां प्रचार के समय को एक दिन कम कर दिया था। मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान टीएमसी के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया। इसके बाद दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई थी। इससे हिंसा तेजी से फैली और कुछ अराजक तत्वों ने बंगाल के बड़े समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की एक कॉलेज में लगी प्रतिमा तोड़ दी।  

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी मजाक उड़ाया

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केदारनाथ में ध्यान लगाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाया है। उन्होंने आश्चर्य जाहिर किया कि मोदी अब क्या संदेश देना चाहते हैं। गहलोत ने प्रधानमंत्री पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘आज वह भगवा धारण कर एक गुफा में बैठे हुए हैं। भगवान ही जानें, वह क्या संदेश देना चाहते हैं। हर कोई उन्हें देख रहा है।’ गहलोत ने कहा, ‘संवाददाता सम्मेलन के दौरान उनके चेहरे और शारीरिक हाव-भाव को देखिए। देश ने यह देख लिया कि वे क्या संदेश देना चाहते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें बहस करने की चुनौती दी, पर वे पीछे हट गए। वे लोग क्यों मुद्दों पर चर्चा करने से पीछे हट जाते हैं? उन्होंने पिछले पांच साल में क्या किया? उनका दृष्टिकोण क्या है? उन्होंने सिर्फ अपने चुनाव प्रचार और रणनीति के बारे में बातचीत की।’उन्होंने कहा कि मोदी और शाह दोनों लोगों के लिए सिर्फ मजाक बनकर रह गये हैं क्योंकि हर कोई उनके संवाददाता सम्मेलन का उद्देश्य खोज रहा है।