नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण से पहले कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा के लिए पार्टी ने बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नई दिल्ली में कुछ तस्वीरें दिखाकर दावा किया कि रोड शो में हिंसा टीएमसी के लोगों ने की। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी के गुंडों ने ही समाज सुधारक ईश्वर चंद विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ी। शाह ने कहा कि अगर वहां सीआरपीएफ न होती तो मेरा बच निकलना मुश्किल था। 

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा, राज्य में पूर्व में हमारे बहुत से कार्यकर्ता मारे गए हैं। वहां मुझ पर हमला होना भी स्वाभाविक था, इससे ये तय हो गया है कि टीएमसी किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने कहा, मैं इतना कहना चाहता हूं कि अगर सीआरपीएफ न होती तो मेरा वहां से बच निकलना बहुत मुश्किल था, सौभाग्य से ही मैं बचकर आया हूं। शाह ने दावा किया कि अब बंगाल की जनता ममता बनर्जी को हटाने का मन बना चुकी है। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि इस बार बंगाल में भाजपा 23 से अधिक सीटें जीतने जा रही है। 

एफआईआर से नहीं डरता 

शाह ने कहा, मुझ पर एफआईआर दर्ज की गई है। ममता दीदी आपकी एफआईआर से हम भाजपा वाले नहीं डरते। हमारे 60 से ज्यादा कार्यकर्ताओं की जान आपके गुंडों ने ले ली है फिर भी हमने अपना अभियान नहीं रोका है। अगर आप ये संदेश देना चाहती हैं कि मुझ पर एफआईआर करके भाजपा के कार्यकर्ता डर जाएंगे, मैं आपको सुनिश्चित करता हूं कि भाजपा का कार्यकर्ता और वहां की जनता सातवें चरण में और भी ज्यादा आक्रोश के साथ आपके खिलाफ मतदान करने जा रहे हैं। 

भाजपा शासित राज्यों में हिंसा नहीं

शाह ने कहा, चुनाव के दौरान भाजपा शासित 16 राज्यों में कहीं भी इस प्रकार की घटना नहीं हुई, अन्य राज्यों में भी ऐसी हिंसा नहीं हुई। अकेले टीएमसी शासित राज्य में ऐसा हो रहा है। लेकिन चुनाव आयोग बंगाल की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। अमित शाह ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'चुनाव आयोग को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। बंगाल में अपराधियों को चुनाव के दौरान छोड़ दिया जाता है। बाकी राज्यों में परोल, फरलो पर छूटे अपराधियों को चुनाव के दौरान हिरासत में ले लिया गया। चुनाव आयोग क्यों चुप बैठा है जब तक गुंडों को पकड़ा नहीं जाएगा निष्पक्ष चुनाव नहीं होंगे।' उन्होंने कहा, मैंने बंगाल की जनता के आक्रोश को देखा है, जैसी स्थिति वहां ममता दीदी ने बनाई है उसे जनता स्वीकार नहीं कर सकती।

टीएमसी ने तोड़ी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा

उन्होंने टीएमसी पर ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ने का आरोप लगाया। शाह ने कहा, 'हम तो बाहर थे, गेट के अंदर से किसने पथराव किया हम तो बाहर थे। गेट अगर टूटा नहीं है तो कॉलेज के अंदर की प्रतिमा को किसने तोड़ा? वोटबैंक की राजनीति के लिए महान शिक्षाशास्त्री की प्रतिमा का तोड़ने का मतलब है कि टीएमसी की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 

शाह ने कहा, सुबह से पूरे कोलकाता में चर्चा थी कि यूनिवर्सिटी के अंदर से आकर कुछ लोग दंगा करेंगे। पुलिस ने कोई जांच नहीं की और न ही किसी को गिरफ्तार करने की कोशिश की गई। जहां ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा रखी है वो जगह कमरे के अंदर है। कॉलेज बंद हो चुका था, सब लॉक था, फिर किसने कमरे खोले। ताला भी नहीं टूटा है, फिर चाबी किसके पास थी। कॉलेज में टीएमसी का कब्जा है।