अल्पसंख्यक बहुत पश्चिम बंगाल की बशीरहाट सीट पर तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार फिल्म अभिनेत्री नुसरत जहां ने केन्द्र सरकार के तीन तलाक बिल का समर्थन कर दिया है। जिसकी वजह से ये वहां बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इससे निपटने में बेहद मुश्किल हो रही है।
कोलकाता: दो बड़े दंगे देख चुका पश्चिम बंगाल का बशीरहाट जिले में इन दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बेहद परेशानी महसूस कर रही हैं। क्योंकि उन्होंने जिस फिल्म स्टार नुसरत जहां को यहां से टिकट दिया है। उनके एक बयान से यहां के मुस्लिम मतदाता भड़क गए हैं।
तीन तलाक पर उपजे विवाद से जूझने में ममता को परेशानी
दरअसल तृणमूल कांग्रेस केन्द्र सरकार के तीन तलाक बिल का विरोध कर रही है। लेकिन बशीरहाट में पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी नुसरत ने किसी भी प्रगतिशील भारतीय की तरह तीन तलाक की दकियानूसी परंपरा के खिलाफ अपना विचार प्रकट किया है।
ममता को अंदाजा हो गया था कि इससे बशीरहाट में उनका मुस्लिम वोट बैंक प्रभावित हो जाएगा। इसलिए उन्होंने नुसरत जहां के बयान को खारिज करते हुए तुरंत बयान दिया कि ‘मैं जानती हूं कि आपमें से कुछ नुसरत की टिप्पणी से नाराज हैं। कृपया इसे दिल पर ना लें। वह बच्ची है। वह यह सब कुछ नहीं समझती है। मेरी पार्टी का स्टैण्ड तय है और वह पार्टी स्टैण्ड से भटक नहीं सकती। इसका ध्यान रखें’।
हालांकि इस बयान में ममता ने कहीं भी तीन तलाक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है। लेकिन दरअसल वह बंगाली फिल्म अभिनेत्री और बशीरहाट से पार्टी उम्मीदवार नुसरत जहां के उस प्रगतिशील बयान के बारे में कह रही थीं, जो कि उन्होंने तीन तलाक के संबंध में दिया था।
नुसरत ने आखिर कहा क्या था?
तृणमूल कांग्रेस से उम्मीदवारी घोषित होने के तुरंत बाद ही नुसरत ने अपने विचार स्पष्ट करते हुए कहा था ‘ आखिर आप कैसे सिर्फ तीन शब्दों के जरिए किसी महिला से अपने संबंध खत्म कर सकते हैं या उसे प्रताड़ित कर सकते हैं। यह गलत है। मैं तीन तलाक को खत्म किए जाने की कोशिशों को अपना समर्थन देती हूं।’
सबने नुसरत जहां के इस प्रगतिशील बयान का स्वागत किया था, लेकिन रविवार को वोट देने वाले बशीरहाट के वोटरों ने नहीं।
क्या है बशीरहाट का चुनावी गणित
बशीरहाट में मुस्लिम वोटरों की 68.54 फीसदी हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिक बशीरहाट शहर में एक लाख सत्रह हजार छह सौ सत्रह मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। हालांकि पूरे जिले में मुस्लिम आबादी का प्रतिशत कम है। लेकिन अगर वह नुसरत जहां के बयान से नाराज होते हैं तो तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।
नुसरत के बयान के बाद कई मुस्लिम नेताओं ने उसके खिलाफ प्रदर्शन किया था। उन्होंने तृणमूल की जगह सीपीएम को वोट देने की अपील की, जिससे उन्हें सबक सिखाया जा सके। ममता ने इसी विद्रोह को रोकने की कोशिश की है।
Last Updated May 12, 2019, 6:29 PM IST