नई दिल्ली। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा हो सकता है। इसके लिए एक अहम बैठक दिल्ली में हो रही है। इसमें भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस और भूपेंद्र यादव से साथ बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे भी मौजूद हैं। हालांकि इसमें जदयू और लोजपा के नेता शामिल नहीं हुए हैं। 

फिलहाल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद एनडीए में सीटों को लेकर माथापच्ची चल रही थी। लोजपा सीटों के फार्मूले को लेकर खुश नहीं है और लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर सीटों का बंटवारा चाहती है।  वहीं लोजपा जदयू को कम सीटें देने के पक्ष में है। वहीं बताया जा रहा है कि भाजपा, जदयू और लोजपा के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर आज अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि जदयू और लोजपा के नेताओं को भी दिल्ली बुलाया गया और बताया जा रहा है कि यह भाजपा और जदयू के बीच अंतिम बातचीत है। वहीं सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार होने के बाद, जदयू-भाजपा और मांझी की पार्टी के बीच बंटवारे का ऐलान किया जाएगा।

वहीं कहा जा रहा है कि अगर चिराग पासवान की लोजपा राजग से अलग होती है तो उसके कोटे की सीटें जदयू को मिल सकती हैं। लोजपा के अलग होने पर जदयू के खाते में 127 सीटें आएंगी और इससे ही मांझी को सीटें मिल सकती हैं। फिलहाल लोजपा उधेड़बुन में है कि एनडीए की अगुवाई में चुनाव लड़ा जाए या फिर 143 सीटों पर चुनाव लड़ा जाए। जबकि राजग ने लोजपा के सामने 27 सीटों का प्रस्ताव रखा है। जिसको लेकर लोजपा नाराज है। वहीं लोजपा का कहना है कि सीटों का बंटवारा लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि 2015 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में लोजपा ने 42 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन वह महज दो सीटों पर ही जीत कर सकी थी।