अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ये योजना लागू हुई तो देश में रेल के क्षेत्र में क्रांति आ सकती है। आप महज आठ घंटे में देश की राजधानी दिल्ली से वाराणसी पहुंच जाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि आगामी 29 दिंसबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस ट्रेन को हरी झंडी दे सकते हैं। इसकी सफलता के बाद देश के अन्य हिस्सों में भी इस रेल को चलाया जाएगा। इस वित्तीय सत्र में 2 ट्रेन रेलवे को मिल जाएगी जबकि अगले वित्तीय सत्र में 8 ट्रेन रेलवे को मिलेंगी। 

असल में प्रधानमंत्री की देशभर में आधुनिक और तेज गति की ट्रेन चलाने का है। इस ट्रेन के शुरू हो जाने से यात्रियों के समय की बचत होगी साथ ही प्लेन की तुलना में इसका किराया काफी कम होगा। बहरहाल देश की सबसे तेज रेलगाड़ी ट्रेन-18 के दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से आगरा के बीच फिर ट्रायल किया गया। यह इस ट्रेन का तीसरा ट्रायल है। इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 181 किलोमीटर प्रति घंटे आंकी गयी और मथुरा और आगरा के बीच ट्रेन ने 181 किमी प्रतिघंटा की अधिकतम स्पीड का लक्ष्य हासिल किया।

हालांकि ट्रेन की औसत स्पीड 176 किलोमीटर प्रति घंटा रही। इस ट्रेन का ट्रायल पहले दिल्ली-आगरा कैंट स्टेशनों के बीच तीसरे ट्रायल रन से पहले ट्रेन--18 कोटा-सवाई माधोपुर स्टेशनों के मध्य और मुरादाबाद से नजीबाबाद के बीच किया जा चुका है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक रेलवे इस ट्रेन को 29 दिसंबर से चलाने की योजना बना रहा है। इस दिन प्रधानमंत्री बसारस के दौरे पर हैं और ऐसा माना जा रहा है कि वह इस ट्रेन को हरी झंड़ी देंगे।

ये ट्रेन दिल्ली- बनारस का सफर आठ घंटे में पूरा करेगी। रेलवे के इतिहास में पहली बार ट्रेन-18 में ऑटोमेटिक गेट लगाए गए हैं। देश में मेट्रो ट्रेन के अलावा किसी अन्य ट्रेन में अपने आप बंद होने वाले गेट नहीं लगे हैं। सभी कोच सीसीटीवी से लैस हैं। दो कैमरे कोच के अंदर और एक-एक कैमरा प्रत्येक प्रवेश/निकास द्वार के ऊपर लगाया गया है।