पीड़ित महिला का आरोप है कि महिला का आरोप है कि उसके पति का अपनी रिश्तेदारी में किसी लड़की के साथ अफेयर है और उसी से निकाह करने के लिए ही उसने उसे तलाक लिखा लेटर भेजा है। आरोपी ने लेटर में उल्टा महिला के ही चाल चलन पर अंगुली उठाई है। 


तीन तलाक पीड़ित महिला ने बताया कि 6 नवंबर 2016 में उसका निकाह भिवानी के युवक के साथ हुआ था। इसके कुछ दिन बाद ही उसका पति और ससुराल वाले दहेज के लिए तंग करने लगे। उसे जबरन मायके भेज दिया। बाद में रिश्तेदारों के समझौते पर वह वापस ससुराल चली गई, लेकिन उस पर प्रताड़ना जारी रही। 


इसी बीच 28 जुलाई 2017 को लिखा तलाक का पत्र उसे कोरियर से मिला। इसमें उसके हक मेहर की रकम का चेक और तीन तलाक लिखा तलाकनामा निकला। महिला की शिकायत पर पुलिस ने 19 फरवरी 2018 को दहेज प्रताड़ना की एफआईआर दर्ज की। इस शपथपत्र में उससे तीन तलाक देने की बात लिखी हुई थी।  

                  
लेटर में तीन तलाक देने वाले पति ने लिखा है कि, “मैं भिवानी का रहने वाला हूं। मेरा निकाह दिनांक छह नवंबर 2016 को मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार हुआ था। अब आप अपनी मनमानी कर रही है। मेरी बीवी मुझे मानसिक प्रताड़ना दे रही है। मैंने घर बसाने के लिए दो बार पंचायत भी की, लेकिन पत्नी ने मेरे साथ रहने से साफ मना कर दिया और उसका चाल चलन भी खराब है”।


“अब मैं दुखी होकर अपने होशो हवास में मैं तलाक देता हूं। मैं तलाक देता हूं। मैं तलाक देता हूं। यह तलाक मैं समाज के कुछ प्रमुख लोगों की हाजरी में दे रहा हूं। मैंने निकाह के समय पर जो मेहर की राशि 5100 रुपये मुकर्रर हुई थी। उसको अदा कर दिया है“। पत्र में ये भी लिखा हुआ है।


इधर पीड़ित महिला का कहना है कि उसने निकाह के बाद एक बच्ची को जन्म दिया। जब महिला अपने मायके आ गई तो उसके पति ने उसके घर के समान को भी एक ट्रक में लोड कर यमुनानगर भेज दिया। अब वह इस बेटी को लेकर कहां जाए। इस बारे में जब उसने अपने पति से बात करनी चाही तो उसने इस बेटी को भी अपनाने से साफ मना कर दिया। पीड़ित अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहती है उसके पति का चक्कर रिश्तेदारी की किसी लड़की से है, इसीलिए उसको बार-बार प्रताड़ित किया गया और बाद में पति ने पत्र लिखकर तीन तलाक दे दिया।