दुनियाभर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के चलते घिरे पाकिस्तान ने जहां पिछले हफ्ते आतंकी संगठनों की फंडिंग के आरोप में जैश-ए-मोहम्मद के 6 आतंकियों को गिरफ्तार किया। वहीं अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान में पनप रहे इस्लामिक आतंकवाद का सफाया करने के लिए बीते एक साल के दौरान उसने कई सूचीबद्ध आतंकवादी संगठनों की चार करोड़ 46 लाख डॉलर से अधिक राशि रोक दी है। 

अमेरिकी वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सालाना रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने लश्कर ए तैयबा की चार लाख डॉलर और जैश-ए-मोहम्मद की 1,725 डॉलर की राशि बाधित की। 

मंत्रालय का विदेशी सम्पत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों और आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों की पूंजी के खिलाफ प्रतिबंध लगाता है। 

संघीय निकाय अमेरिका की विदेश नीति एवं राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्यों के आधार पर आर्थिक एवं व्यापार प्रतिबंध लगाने के अपने लक्ष्य के तहत इस तरह की कार्रवाई करता है।

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने सूचीबद्ध आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों की 2018 तक चार करोड़ 61 लाख डॉलर से अधिक राशि बाधित की है जबकि 2017 में चार करोड़ 36 लाख डॉलर बाधित किए गए थे।

धन राशि रोके जाने वाले आतंकी संगठनों की इस सूची में हक्कानी नेटवर्क (3,626 डॉलर), हरकत उल मुजाहिदीन (11,988 डॉलर), और हिजबुल मुजाहिदीन (2,287 डॉलर) शामिल हैं।

खासबात है कि अमेरिकी प्रशासन मे बीते वर्ष आतंकी संगठन तालिबान को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचाया है। जहां अमेरिका ने 2017 में तालिबान का 10,728 डॉलर का फंड बाधित किया था वहीं 2018 में कुल 2 लाख डॉलर से अधिक फंड को तालिबान तक पहुंचने से रोका गया।