देश की किसी भी उपलब्धि का श्रेय नेहरू-गांधी परिवार को देने की कांग्रेस की कोशिश कई बार पार्टी के मुसीबत का सबब बन जाती है। कांग्रेस को बुधवार को ऐसी ही अजीबोगरीब स्थिति का सामना करना पड़ा जब राहुल गांधी की अध्यक्षता वाली पार्टी ने अंतरिक्ष में सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता का श्रेय नेहरू और इंदिरा गांधी को देने की कोशिश की। 

बुधवार को भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए अंतरिक्ष की महाशक्ति कहे जाने वाले देशों के एलीट क्लब में जगह बना ली। डीआरडीओ ने इसरो की मदद से अंतरिक्ष की निचली कक्षा (एलईओ) में एक लाइव सैटेलाइट को मिसाइल की मदद से मार गिराया। मिशन शक्ति की इस सफलता ने भारत के एयर डिफेंस को कई गुना बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद राष्ट्र को इस ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी दी। 
हालांकि पीएम के ऐलान के कुछ देर बाद ही इस पर राजनीति भी शुरू हो गई। खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे ‘नाटक’ बता दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘वेल डन डीआरडीओ, आपकी इस उपलब्धि पर हमें बहुत गर्व है। मैं प्रधानमंत्री को वर्ल्ड थिअटर डे की बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं।’ 

मोदी सरकार को घेरने की कवायद में कांग्रेस की ओर से इस उपलब्धि का श्रेय भी लेने की कोशिश की गई। पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘हम इस उपलब्धि के लिए इसरो और सरकार को बधाई देते हैं, भारतीय स्पेस कार्यक्रम की स्थापना 1961 में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की थी और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) की स्थापना श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल में हुई, इंदिरा गांधी ने अपनी उपलब्धियों से देश को हमेशा गर्वित किया है।’ हालांकि कांग्रेस का ट्वीट यूजर्स को रास नहीं आया और सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। 

ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए कुछ लोगों ने कहा, यह सही है कि इसरो नहीं होता, भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम भी हकीकत का रूप नहीं ले पाता लेकिन यह भी सच्चाई है कि अगर इसकी शुरुआत नेहरू नहीं करते तो वो शख्स करता जो उस समय प्रधानमंत्री होता। 

कांग्रेस के करीबी माने जाने वाले इतिहासकार इरफान हबीब देश में वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता के विकास का श्रेय नेहरू को देते हैं। हालांकि लेखक राजीव मंत्री इसका कारण हबीब और दूसरे कांग्रेस के करीबियों की ‘नेहरू भक्ति’ को बताते हैं। 

मंत्री के मुताबिक, ‘यह लंबे समय से बोला जा रहा झूठ है। नेहरू की नीतियों ने भारत में अनुसंधान एवं विकास को जमीन के नीचे पहुंचा दिया था। क्या सीएसआईआर में रघुनाथ माशेलकर को सीएसआईआर में ऐतिहासिक सुधारों का श्रेय नहीं दिया जाना चाहिए। जब वह इसके महानिदेशक थे तो उन्होंने इसमें अभूतपूर्व सुधार (अटल बिहारी वाजपेयी के समर्थन से) किए। भगवान जानता है कि आज भारत कहां होता।’ यह सही है कि नेहरू ने कई संस्थानों का निर्माण कराया लेकिन उन्हें बर्बाद करने का श्रेय भी नेहरू को ही जाता है। 

ट्विटर पर लोगों ने कांग्रेस के दावों को लेकर जमकर प्रतिक्रियाएं दीं।