मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। उद्धव ने मुंबई में मुस्लिम प्रतिनिधियों से मुलाकात की। जिसमें  रज़ा अकादमी भी शामिल है। जिसके संरक्षण में मुंबई के आजाद मैदान में विरोध रैली का आयोजन 2011 में किया गया। जिसमें अमर जवान ज्योति को नुकसान पहुंचाया गया। फिलहाल सोशल मीडिया में उद्धव को मुस्लिम परस्त होने का आरोप लगाया जा रहा है।

फिलहाल उद्धव ठाकरे से नागरिकता संसोधन कानून को लेकर मुंबई में कई मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की। इस मुलाकात में रजा अकादमी के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। जो 2011 में आजाद मैदान में हुए दंगों को लेकर आरोपी है। आजाद मैदान में रजा अकादमी की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन हुए। जिसमें अमर जवान ज्योति को नुकसान पहुंचाया गया।

मुस्लिम संगठनों से उद्धव ठाकरे ने मुलाकात की, जहां रजा अकादमी ने महाराष्ट्र के सीएम को ज्ञापन सौंपकर सीएए और एनआरसी के विरोध में एक प्रस्ताव पेश किया। मुस्लिम प्रतिनिधियों ने केरल और पंजाब की तरह इस कानून को राज्य में लागू न करने के लिए विधानसभा से प्रस्ताव पारित करने की मांग की। गौरतलब है कि रज़ा अकादमी ने ही रोहिग्याओं के समर्थन में मुंबई के आज़ाद मैदान में कार्यक्रम का नेतृत्व किया था और इस दौरान हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे और विरोध करने वाले वालों ने अमर जवान ज्योति को नुकसान पहुंचाया था।

महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना प्रमुख ने कुख्यात रज़ा अकादमी के नेताओं से मुलाकात की, जिसने अगस्त 2011 में आजाद मैदान में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था जो बड़े हिंसक दंगों में बदल गया था। इस अकादमी के प्रदर्शनकारियों ने सीएसटी के बाहर स्थित प्रतिष्ठित अमर जवान स्मारक को तोड़ दिया था और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान के लिए लगभग 3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। कई रिपोर्टों में दावा किया गया कि मुंबई में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए विरोध प्रदर्शन किए गए। बांग्लादेशी नागरिकों के कई पासपोर्ट भी उन क्षेत्रों से वापस ले लिए गए जहां विरोध प्रदर्शन हुए।