मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि मुझे अपना हिंदुत्व साबित करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि मेरा हिंदुत्व बालासाहेब ठाकरे का हिंदुत्व है, जो बहुत साफ है। उन्होंने कहा कि मनसे जो बांग्लादेशियों को बाहर करने की मांग कर रही है वह राज्य में पहले से ही की जा रही है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने  आज शिवसेना की सर्वदलीय बैठक में बुलाई। असल में आज मुंबई में ही मनसे की रैली की थी। जिसको लेकर शिवसेना सरकार घबराई हुई है। लिहाजा अब दिनभर शिवसेना के नेताओं की नजर मनसे की रैली पर ही रही। क्योंकि मनसे जिस तरह से हिंदुत्व के मुद्दे पर आक्रामक हो रही है। वह शिवसेना के लिए खतरे की घंटी है।

लिहाजा आज मनसे की रैली पर तंज कसते हुए  महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे अपना हिंदुत्व साबित करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि मेरा हिंदुत्व बालासाहेब ठाकरे का है, जो बहुत शुद्ध है। शिवसेना के सभी नेताओं की आज दक्षिण मुंबई के सह्याद्री में पार्टी कार्यालय में बैठक हुई। शिवसेना ने साफ किया है कि कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिलाने का मतलब यह नहीं है कि शिवसेना ने हिंदुत्व की विचारधारा छोड़ दिया है। पार्टी की विचारधारा हिंदुत्व है। लेकिन अभी पार्टी के सामने सबसे अहम महाराष्ट्र का विकास जरूरी है।

असल में आज मनसे की रैली से पहले ही कुछ दिन पहले राज ठाकरे ने पार्टी की झंडे में बदलाव किया था और उन्होंने भगवा रंग का झंडा तैयार किया था। जो शिवसेना का भी है। वहीं मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने पिछले महीने, छत्रपति शिवाजी की शाही मुहर को भी इस झंडे में लगाया था। जिसको देखकर कर लग रही है कि मनसे आने वाले दिनों में शिवसेना की राजनीति को कमजोर करने वाली है। महाराष्ट्र की राजनीति  के जानकारों का कहना है कि मनसे पिछले दस वर्षों में लगातार कमजोर हुई है।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से नाराजगी के कारण ही मनसे का उदय हुआ था। लेकिन तब मनसे ने मराठी मानुष को लेकर अपनी राजनीति शुरूआत की थी। लेकिन अब मनसे हिंदुत्व की राजनीति के जरिए राज्य में स्थापित होने की तैयारी में है।