कर्नाटक की कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन सरकार पर संकट मंडराया हुआ है। कांग्रेस के 11 और जेडीएस के 3 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। जिसके कारण राज्य की गठबंधन सरकार अल्पमत में आ गयी है। हालांकि अभी तक विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं हुए हैं और विधानसभा अध्यक्ष मंगलवार को इस पर फैसला लेंगे। विधायकों के इस्तीफा देने से अल्पमत में आयी कुमारस्वामी सरकार को सदन में बहुमत तो साबित करना ही होगा। क्योंकि उसके पास सरकार बनाने का गणित फिलहाल नहीं दिख रहा है।

राज्य की एचडी कुमारस्वामी सरकार पर संकट के बादल मंडराए हुए हैं। राज्य में जेडीएस की अगुवाई वाली सरकार को समर्थन दे रही कांग्रेस के 11 विधायकों के साथ ही जेडीएस के तीन विधायकों ने अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को दे दिए हैं। विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर दबाव बनाने के लिए शनिवार को इस्तीफा देने के बाद राज्य के राज्यपाल से मुलाकात की और अपने अपने इस्तीफों की जानकारी दी।

फिलहाल गर्वनर हाउस पूरे राजनैतिक घटनाक्रम पर नजर बनाए हैं। उधर इस्तीफा देने वाले विधायक मुंबई पहुंच गए हैं। जबकि राज्य में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के दिग्गज बेगलुरू पहुंचे हुए हैं और विधायकों से संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अभी तक कांग्रेस के नेताओं को इस पर सफलता नहीं मिली है।

वहीं राज्य के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी आज राजधानी पहुंच जाएंगे। फिलहाल पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है। उधर कांग्रेस के नेता बागी कांग्रेस के विधायक रामलिंगा रेड्डी को साधने में लगे हैं। क्योंकि पार्टी का मानना है कि इस पूरे प्रकरण में रेड्डी ही पूरी मुहिम को चला रहे हैं।

बीजेपी की बनेगी सरकार या गठबंधन में मिलेगा अभयदान

फिलहाल अब सबकी नजर विधानसभा अध्यक्ष पर है। अगर वह विधायकों का इस्तीफा मंजूर करते हैं तो सीधे तौर पर गठबंधन सरकार अल्पमत में आ जाएगी और उसे सदन में बहुमत साबित करना पड़ेगा। हालांकि मौजूदा समीकरणों को देखते हुए सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। जबकि बीजेपी भी राज्य में बहुमत जुटाने का प्रयास कर रही है। लेकिन अगर इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या बढ़ जाती है तो कुमारस्वामी सरकार का जाना तय है और अगर विधायक अपना इस्तीफा वापस लेते हैं तो बीजेपी सरकार नहीं बना पाएगी।

ये है समीकरण

कर्नाटक की विधानसभा में 224 है। इसमें सबसे बड़ा दल बीजेपी है और उसके पास 105 सदस्य हैं। लेकिन राज्य में कांग्रेस के 78 विधायक और जेडीएस के 37 विधायकों ने मिलकर सरकार बनाई। इसके साथ ही सदन में बीएसपी का 1 औऱ 1 विधायक निर्दलीय और 1 अन्य विधायक है।

अभी तक गठबंधन का दावा था कि उसके पास 118 विधायक हैं। 14 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद सदन में विधायकों की संख्या 210 हो जाएगी लिहाजा बहुमत के लिए 106 विधायकों की जरूरत होगी। जबकि सदन में गठबंधन के विधायकों की संख्या इसके बाद 104 रहेगी। जो बहुमत से दो सीट कम होगी। जबकि बीजेपी के पास 105 विधायक हैं। यानी उसे सरकार बनाने के लिए महज एक विधायक की जरूरत होगी।