अलीगढ़। अगर आप की कार घर में खड़ी है और आपके मोबाइल पर टोल टैक्स कटने का मैसेज आ जाऐ तो आप स्वाभाविक रूप से चैंक पड़ेंगे। अलीगढ़ में एक ऐसा ही वाकया सामने आया है। इस घटना ने कार समेत अन्य वाहन मालिकों के लिए एक संदेश भी दिया है कि अगर थोड़ी सी लापरवाही की गई तो आप बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं। 

मुंबई से अपने घर आया था क्राकरी कारोबारी
अलीगढ़ शहर के तुर्कमान गेट बिच्छू वाली गली रहने वाले राशिद खान मुंबई में क्राकरी का कारोबार करते है। इस समय वह अपने घर अलीगढ़ आए हुए है। घटनाक्रम के मुताबिक गत 23 फरवरी को अपनी बलेनो कार लेकर घूमने निकले थे। इस बीच उनकी कार नंबर डीएल 8 सीएएन 6328 के आगे लगी एचएसआरपी नंबर प्लेट कही गिर गई और उन्हें इसकी जानकारी नहीं हुई। रात में राशिद घर लौटे और अपनी कार खड़ी कर दी।

पांच दिन बाद फास्टैग कटने का मैसेज देख राशिद के उड़ गए होश 
पांच दिन पहले गाड़ी नंबर प्लेट गिरने की इस घटना के बाद 28 फरवरी को राशिद खान का माथा तब चकरा गया जब उनके मोबाइल पर हरियाणा टोल से एक मैसेज आया। जिसमें लिखा था कि उनकी गाड़ी का 130 रूपए का हरियाणा के रोहड़ टोल प्लाजा पर कट गया है। राशिद कुछ समझ ही नहीं पा रहे थे कि आखिर उनकी कार तो अलीगढ़ के घर में खड़ी है, फिर टोल कैसे कट गया। राशिद ने गाड़ी चेक की तो पता चला कि उनके आगे की नंबर प्लेट नहीं है। उन्होंने पहले अपना फास्टैग ब्लाक कराया। फिर पुलिस को सूचना दी। 

गिरी नंबर प्लेट को चोरों ने अपनी गाड़ी में लगाकर किया टोल पार
पुलिस के जरिए राशिद को पता चला कि उनकी नंबर प्लेट किसी ने चोरी करके अपनी गाड़ी में लगा ली है। पुलिस के अनुसार देश के बड़े बड़े टोल टैक्स बैरियर पर फास्टैग रीडिंग के साथ.साथ नंबर प्लेट रीडिंग वाले कैमरे भी लगे रहते हैं। जब किसी गाड़ी के फास्टैग रीडिंग में टेक्निकल प्राब्लम होती है तो फिर एनपीआर कैमरा एक्टिव हो जाता है। उस कैमरे से कुछ ही सेंकेंड में ऑपरेटर नंबर प्लेट की मदद से गाड़ी की पूरी डिटेल रीड कर लेता है। साथ ही फास्टैग का भी पता लगा लेता है। फास्टैग कटने पर संबंधित नंबर प्लेट के वाहन स्वामी पर मैसेज जाएगा। एनएचआई गभाना टोल के मैनेजर बजरंग सैनी के अनुसार ये कामन घटना है। इसमें तत्काल फास्टैग ब्लाक कराना चाहिए, ताकि उसका मिसयूज न हो।

क्या होती है एचएसआरपी नबंर प्लेट
एचएसआरपी यानि हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट को एल्युमिनियम से तैयार किया जाता है। इस प्लेट पर बाईं ओर कोने पर क्रोमियम आधारित एक होलोग्राम लगा होता है। जिसमें वाहन की पूरी डिटेल होती है। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर सुरक्षा के लिए यूनिक लेजर कोड भी होता है। यह कोड हर वाहन के लिए अलग.अलग होता है। खास बात यह है कि इस कोड को आसानी से हटाया नहीं जा सकता है। 

अब पूरे देश में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य 
नए वाहनों के साथ ही इसे पुराने वाहनों पर भी लगाना जरूरी है। अगर यह प्लेट एक बार टूट जाए तो फिर इसे जोड़ा नहीं जा सकता है। कोई भी इस प्लेट को कॉपी कर के नकली प्लेट नहीं बना सकता है। सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट 1989 के नियम 50 के मुताबिकए 1 अप्रैल 2019 को या उसके बाद खरीदे गए सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना अनिवार्य है।

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