उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए 100 दिन का एजेन्डा तैयार किया है। उनकी योजना का मुख्य आधार उन लोगों तक पहुंचना है जिन्हें केन्द्र या फिर राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा है। उनका फॉर्मूला स्पष्ट है ज्यादा लाभार्थी ज्यादा वोटर।
नई दिल्ली: जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश भर की 542 लोकसभा सीटों पर कड़े मुकाबले में उतरे हुए थे, उस समय यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनका भरपूर साथ दिया।
अब इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए योगी आदित्यनाथ ने मिशन 2022 लांच किया है। जिसका मकसद देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य में 2017 की तरह सफलता हासिल करना है।
यूपी बीजेपी के प्रवक्ता चंद्र मोहन ने माय नेशन को जानकारी दी कि ‘ मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद अगले 100 दिन का एजेन्डा तैयार कर लिया है। जिसके तहत विशेष तौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की योजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। जिससे कि पीएम मोदी के सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास नारे को सभी तक पहुंचाया जा सके।’
विश्वस्त सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस 100 दिन की योजना के तहत मुख्य रुप से केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचना है।
2019 के चुनावों ने साबित कर दिया है कि यह सभी लाभार्थी बीजेपी पर भरोसा जताते हैं। फॉर्मूला स्पष्ट है ज्यादा लाभार्थी ज्यादा वोटर।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश की दो समस्याओं जापानी इनसेफेलाइटिस और बाढ़ की समस्या पर बैठक की। इन मुद्दों पर पहले सरकार की काफी आलोचना हो चुकी है।
योगी सरकार पहली जुलाई से संक्रामक रोगो की रोकथाम के लिए एक कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है। स्थानीय प्रशासन को आदेश दिया गया है कि वह इसके लिए 15 जून तक सारी तैयारियां पूरी कर ले।
राज्य के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे 2 जून को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का एरियल सर्वे करेंगे। वह इस हाईवे के अलग अलग हिस्सों की समीक्षा करेंगे जिसमें अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़ और गाजीपुर शामिल हैं।
छह लेन वाला यह हाईवे लखनऊ को पूर्वांचल के गाजीपुर से जोड़ेगा। आगे चलकर इसे आठ लेन का बनाने की योजना है।
इन सभी कदमों के अतिरिक्त मुख्यमंत्री राज्य में निर्माण के कामों की प्रगति की खुद समीक्षा करेंगे।
Last Updated Jun 2, 2019, 8:16 AM IST