यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए बस हादसे में 29 लोगों की मौत पर फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन निगम ने दोषी अफसरों को क्लीन चिट दे दी है। जबकि इस मामले में ड्राइवर की गलती बताकर उसकी मौत के साथ ही इस मामले का पटाक्षेप कर दिया है।

सोमवार को यमुना एक्सप्रेस पर तड़के हुए बस हादसे में 29 लोगों की मौत की जिम्मेदारी मृतक ड्राइवर पर डाल दी गई है। इस मामले में उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह ने दावा किया कि ये दुर्घटना ड्राइवर को झपकी आने से हुई।  उन्होंने पूरी तरह से दोषी अफसरों और कर्मचारियों को क्लीन चिट दे दी।

यानी 29 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार अफसरों को बचा लिया गया है। क्योंकि इस दुर्घटना में ड्राइवर की भी मौत हो गयी। हालांकि राज्य सरकार के पास अभी भी कई सवालों के जवाब नहीं है। क्योंकि इन सवालों से एक बात साफ होती है कि इस घटना के लिए ड्राइवर से ज्यादा निगम के अफसर जिम्मेदार हैं।

जिन्होंने महज एक ड्राइवर को दिल्ली की बस में भेजा। जबकि नियमों के मुताबिक 400 किलोमीटर की दूरी पर दो ड्राइवर भेजे जाने चाहिए। अगर ये नियम है तो इस नियम को अफसरों ने लागू नहीं किया तो अफसर तो जिम्मेदार होंगे। लेकिन परिवहन मंत्री ने अफसरों को दोषी नहीं माना है।

इतना बढ़ा हादसा होने के बावजूद किसी भी अफसर पर कोई आंच नहीं आई है। जांच रिपोर्ट में किसी भी अफसर को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। गौरतलब है कि सोमवार को सुबह उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बस यमुना एक्सप्रेस वे पर एक गहरी खाई में गिर गयी थी।

जिसमें 29 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि 19 लोग घायल हो गए। इस हादसे के लिए योगी सरकार ने 24 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया था। लेकिन अब जांच रिपोर्ट में मृतक ड्राइवर को दोषी मानते हुए दोषी अफसरों को बचा लिया गया है और जांच को बंद कर दिया गया है।