लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत पूरी सतर्कता बरती जाए। उन्होंने जनपद मेरठ में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन जनपदों में प्रतिदिन 50 से 100 तक कोविड-19 के मरीज आ रहे हैं उन जनपदों में भी विशेष सतर्कता बरती जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम पूरी सक्रियता से संचालित किए जाएं, क्योंकि कोरोना से बचाव के लिए इस समय इनकी सक्रियता की बहुत आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए निर्धारित प्रोटोकाॅल का पूरी तरह से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। जनता मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से करे इस सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलाया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग का हर हाल में पालन हो। साफ-सफाई व सेनिटाइजेशन कार्य निरन्तर संचालित होता रहे। सभी अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों में फायर सेफ्टी का एन0ओ0सी0 अनिवार्य किया जाए। ‘उ0प्र0 कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ के निर्देशें के क्रम में कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराते हुए इसकी निरन्तर समीक्षा जिलाधिकारी द्वारा की जाए।

धान क्रय के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके लिए स्थापित केन्द्रों पर किसानों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए और एम0एस0पी0 योजना का पूरा लाभ उन्हें मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि धान विक्रय से पहले किसानों को जागरूक किया जाए कि वे इसे अच्छी तरह से छानकर और सुखाकर ही विक्रय केन्द्र पर लाएं। जिन जनपदों में धान क्रय केन्द्रों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता हो, वहां के जिलाधिकारी अपने विवेक से इनकी संख्या बढ़ाना सुनिश्चित करें। उन्होंने गन्ना क्रय केन्द्रों को पूरी सक्रियता से संचालित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी मण्डलायुक्त शासन की योजनाओं के सम्बन्ध में निरन्तर समीक्षा करें। यह भी सुनिश्चित करें कि तहसील स्तर पर राजस्व विवादों का निस्तारण समय से किया जाए। विकास खण्ड स्तर पर बी0डी0ओ0 भी निरन्तर माॅनिटरिंग करंे। सरकार की मंशा है कि शासन की योजनाओं और विकास कार्यों का पूरा लाभ आमजन को मिले। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि थानों पर पूरी पारदर्शिता के साथ जनता की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि थाना, तहसील तथा विकास खण्ड स्तर पर सभी कार्य समय से पूरे किए जाएं।

जब भी छोटी इकाइयां अपना दायित्व भलीभांति निभाती है, तो इससे सकारात्मक परिवर्तन बड़े स्तर पर आता है। उन्होंने कहा कि तहसील, थाना तथा विकास खण्ड स्तर आमूल-चूल परिवर्तन दिखने चाहिए। पराली के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसानों को पराली जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण के सम्बन्ध में जागरूक करते हुए उन्हें इसे न जलाने के लिए कहा जाए। उन्हें यह भी बताया जाए कि खेतों में पराली जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है।