मामला लखनऊ के एनेक्सी बिल्डिंग का है। जहां तमाम महत्वपूर्ण लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। समय था शुक्रवार की रात का। 
हरी पगड़ी बांधे एक शख्स कमर में चाकू बांधे आता है और बीच सड़क पर चटाई बिछाकर बैठ जाता है। 
पूरी सड़क जाम हो जाती है। गाड़ियों की लंबी कतार लग जाती है। पुलिस के दो कांस्टेबल सामने खड़े होकर तमाशा देखते रहते हैं। 

बीच सड़क पर वह हरी पगड़ी वाला हाथ हिला हिलाकर तरह तरह की हरकतें करते रहता है और साथ ही साथ लोकमत से चुने गए देश के प्रधानमंत्री की खुलेआम बेइज्जती भी करता रहता है। 

इस सिरफिरे का यह नाटक काफी देर तक चलता रहता है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी के पुलिसवाले किसी तरह का कार्रवाई करने की बजाए आंखे फाड़कर देखते रहते हैं। 

सड़क पर आवाजाही कर रहे लोग इस घटना का वीडियो बना लेते हैं। 

घटना का वीडियो-

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खास बात यह है कि जब यह सब तमाशा हो रहा होता है, इस दौरान एनेक्सी बिल्डिंग में खुद मुख्यमंत्री योगी भी मौजूद होते हैं। उनकी अधिकारियों से बैठक चल रही होती है। 

काफी देर तक हंगामा मचाने के बाद हरी पगड़ी वाला यह शख्स आराम से अपनी स्कूटी स्टार्ट करके चला जाता है। 

मामला जब उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आता है, तो खलबली मच जाती है। सांप निकलने के बाद लकीर पीटते हुए लखनऊ के एसएसपी बताते हैं, इस सिरफिरे का नाम रफीक अहमद है। जो कि लखनऊ के ऐशबाग रामनगर का निवासी है। 

इसके बाद इस सिरफिरे शख्स के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाती है और उसे गिरफ्तार किया जाता है। 

मौका-ए-वारदात पर मौजूद दोनों कांस्टेबलों मनोज कुमार और ट्रैफिक लाइन के कॉन्स्टेबल आनंद प्रकाश को निलंबित कर दिया जाता है। 

लेकिन मूल प्रश्न अपनी जगह पर कायम है। हरी पगड़ी, लंबे कुर्ते और दाढ़ी वाला यह हथियारबंद शख्स लगभग 10 मिनट तक बीच सड़क पर हंगामा मचाता रहा। उसकी वजह एनेक्सी बिल्डिंग जैसी अहम इमारत के सामने की बेहद व्यस्त सड़क आधे घंटे तक जाम रही। इसके बाद वह सिरफिरा वहां से आराम से निकल भी गया। ऐसे में योगी की पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की। क्या यूपी पुलिस का बगावती तेवर अब भी कायम है। 

कल्पना करिए, यह हथियारबंद शख्स, जो कि लंबा चाकू कमर में बांधे हुए था, वह कुछ सड़क पर चल रहे लोगों पर हमला करने लगता। तो भी क्या योगी की पुलिस ऐसे ही हाथ पर हाथ बांधे बैठी रहती। 

मुख्यमंत्री योगी के राज में देश के प्रधानमंत्री को बीच सड़क पर अपशब्द कहने के बाद वह सिरफिरा आराम से चला भी जाता है। 

क्या ऐसे ही चलेगा यूपी जैसे विशाल प्रदेश का शासन। घटना भले ही छोटी दिखाई देती हो, लेकिन इसका प्रभाव क्षेत्र बेहद बड़ा है। मुख्यमंत्री योगी को इसका जवाब देना ही होगा।