लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के जवाव तनाव हैं। राजधानी लखनऊ में एक और पुलिस अफसर ने तनाव में आकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस अफसर अपना तबादला होने से परेशान था क्योंकि घर पर मां का स्वास्थ्य खराब था। लिहाजा तबादला न रूकने की स्थिति में उसने फांसी से लटककर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

जानकारी के मुताबिक पुलिस विभाग के मिनिस्ट्रियल स्टॉफ में तैनात एएसआई धर्मेंद्र कुमार लखनऊ के सहारा एस्टेट में अपने साढ़ू के घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हालांकि पुलिस को मौके से कोई सूइसाइड नोट नहीं मिला है। हालांकि परिवारावालों का कहा है कि धर्मेन्द्र भदोही से सीतापुर पीएसी में ट्रांसफर होने के कारण तनाव में और अपना तबादला रूकवाने के लिए वह लखनऊ में अफसरों का चक्कर काट रहा था।

लेकिन अफसरों ने उसकी एक नहीं सुनी। जबकि धर्मेन्द्र की मां बीमार है और इसकी लिए वह भदोही या उसके आसपास  के जिले में तबादला कराने की गुजारिश कर रहा था। जिसके बाद उसने तनाव में आकर खतरनाक कदम उठाया। मूलरूप से गाजीपुर जनपद के गांव सद्दोपुर थाना करीमुद्दीनपुर निवासी धर्मेंद्र कुमार पुलिस विभाग के मिनिस्ट्रियल स्टॉफ में एएसआई के पद पर कार्यरत थे। करीब दस  दिन पहले धर्मेंद्र अपनी पत्नी नीतू के साथ सहारा एस्टेट के न्यू बहार कॉलोनी निवासी अपने साढ़ू दयाशंकर के घर आया हुआ थे। उनके साढ़ू गोरखपुर में पुलिस विभाग में ही तैनात हैं।

लेकिन धर्मेन्द्र ने उनके घर के एक कमरे में खुद को बंदकर फांसी लगा ली। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर उन्हें फंदे से नीचे उतारा। तब तक मौत हो चुकी थी। फिलहाल परिवारीजनों ने ट्रांसफर होने के कारण डिप्रेशन की बात कही है। इंस्पेक्टर का कहना है कि यदि परिवारीजन कोई तहरीर देंगे तो रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। मृतक के भाई राहुल ने अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।

राहुल के मुताबिक धर्मेंद्र ने भदोही से दो अगस्त को पीएसी मुख्यालय महानगर में आमद करवाई थी। राहुल के मुताबिक इस पर धर्मेंद्र ने घर में बीमार बुजुर्ग मां का हवाला देते हुए सीतापुर में हुए ट्रांसफर को निरस्त कर मिर्जापुर, वाराणसी, सोनभद्र व आजमगढ़ पीएसी में करने का अनुरोध करते हुए कई दिनों से अपर पुलिस महानिदेशक पीएसी मुख्यालय महानगर से मिलना चाहता था।