लखनऊ. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से बीते सोमवार को गिरफ्तार किए गए मनीष श्रीवास्तव को उत्तर प्रदेश एटीएस ने पांच दिन के लिए रिमांड पर लिया है। दोनों भोपाल में अपनी पहचान छिपाकर रह रहे थे। एटीएस ने मनीष की पत्नी वर्षा को भी गिरफ्तार किया था। वर्षा भी फिलहाल जेल में है। 

एटीएस के अनुसार, मनीष और उसकी पत्नी वर्षा श्रीवास्तव दोनों उत्तरप्रदेश के जौनपुर जनपद के कुरनी (समधागंज) के रहने वाले हैं। इन पर नक्सलवाद को बढ़ावा देने का आरोप है। एटीएस ने बीते सोमवार को भोपाल में मनीष के आवास पर छापेमारी कर सवा लाख रुपए कैश बरामद किया था। यूपी एटीएस को शक है कि, बरामद रकम नक्सल फंडिंग का हिस्सा है, क्योंकि इनके आय का कोई जरिया भी नहीं है। दोनों के मोबाइल और लैपटॉप व घर की तलाशी में नक्सल विचारधारा से जुड़े तमाम दस्तावेज बरामद हुए थे। हालांकि, यूपी एटीएस ने दंपति को 6 फर्जी नाम और पते की आईडी रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। 

बीते मंगलवार को जब एटीएस ने भोपाल कोर्ट में आरोपी दंपती को पेश किया तो दोनों ने इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए थे। हालांकि जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आपको किन वजहों से पुलिस ने हिरासत में लिया गया है तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था। इनकी भोपाल के शाहपुरा क्षेत्र के त्रिलंगा स्थित विकासकुंज से गिरफ्तारी हुई थी।

एटीएस का दावा है कि मनीष ने पत्नी वर्षा के साथ बीते 6 महीने में झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के साथ यूपी के देवरिया का दौरा किया था। ट्रेड यूनियन को संगठित करने के नाम पर मनीष और वर्षा ने नक्सल गतिविधियों को बढ़ाने के लिए इन शहरों के दौरे किए हैं। एटीएम ने रिमांड पर लेने के लिए सीजेएम स्पेशल कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जो मंजूर हो गई है। मनीष से पूछताछ करने के लिए एटीएस को पांच दिन की रिमांड मिली है।  

बहन व बहनोई पर नक्सली होने का आरोप
साल 2010 में नक्सल कनेक्शन के आरोप में गिरफ्तार हुई सीमा आजाद, मनीष श्रीवास्तव की बहन है। वो फर्जी नाम पते की आधा दर्जन आईडी के साथ भोपाल में रह रहा था। पुलिस ने उस दौरान सीमा के पति विश्वविजय को भी अपनी हिरासत में लिया था। निचली अदालत ने सीमा आजाद को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीमा आजाद और उसके पति विश्वविजय को जमानत दे दी थी।