अगर आपको कोई जरूरी सरकारी काम निपटाने में आज ही निपटा लें, क्योंकि कल से उत्तर प्रदेश के सरकारी विभाग हड़ताल पर जा रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार ने हड़ताल पर रोक लगा दी है, लेकिन कर्मचारियों के संगठनों ने सरकारी फरमान को दरकिनार कर हड़ताल करने का फैसला किया है।
अगर आपको कोई जरूरी सरकारी काम निपटाने में आज ही निपटा लें, क्योंकि कल से उत्तर प्रदेश के सरकारी विभाग हड़ताल पर जा रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार ने हड़ताल पर रोक लगा दी है, लेकिन कर्मचारियों के संगठनों ने सरकारी फरमान को दरकिनार कर हड़ताल करने का फैसला किया है।
राज्य के कर्मचारी संगठनों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर बुधवार से महाहड़ताल होने जा रही है। इसके जरिए कर्मचारियों ने सरकार से आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है। महाहड़ताल को सफल बनाने के लिए पुरानी पेंशन बहाली मंच ने कर्मचारी संगठनों के नेताओं के साथ आपात बैठक की। बैठक में कर्मचारी नेताओं को आन्दोलन को सफल बनाने का मंत्र दिया गया। इस महाहड़ताल में प्रदेश के 150 कर्मचारी संगठन से जुड़े 25 लाख से अधिक कर्मचारी शामिल होंगे।
हड़ताल से सम्बन्धित बैनर तथा पोस्टर आज राज्य के सभी जिलों में चस्पा दिए गए हैं। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि हड़ताल के दौरान शान्तिपूर्वक गेट मीटिंग करेंगे, ताकि सरकार को कर्मचारियों की ताकत का एहसास हो सके। पिछली बार महाहड़ताल के दौरान नौकरशाहों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग पूरी किये जाने का सकारात्मक आश्वासन दिया था, जिसके तहत सरकार ने ढाई महीने का समय मांगा था। इस सम्बन्ध में सरकार का हर स्तर पर सहयोग किया गया है, अब सरकार के पास कोई बहाना नहीं है।
उधर कर्मचारियों की महाहड़ताल को देखते हुए प्रदेश सरकार ने अगले छह महीने तक के लिए किसी भी सरकारी हड़ताल पर रोक लगा दी है। इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके तहत उप्र अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966 की सुसंगत धाराओं के अधीन शक्तियों का प्रयोग करके, राज्य के कार्य-कलापों से सम्बंधित किसी लोक सेवा सहित राज्य सरकार के स्वामित्व या नियंत्रण वाले किसी निगम तथा किसी स्थानीय निकाय के अधीन किसी सेवा में 6 माह की अवधि के लिए हड़ताल निषिद्ध कर दी गयी है।
राज्यपाल की मंजूरी से विभाग इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी है। सरकार ने यह निर्णय विश्वविद्यालयों की आगामी परीक्षाओं के मद्देनजर लिया है। अगर कोई कर्मचारी इस अधिसूचना के बाद भी हड़ताल में जाता है तो सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली- 1999 के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को उक्त अवधि का वेतन नहीं दिया जाएगा और इस अवधि में किसी कर्मचारी का अवकाश भी स्वीकृत नहीं होगा।
Last Updated Feb 5, 2019, 11:35 AM IST