नई दिल्ली। राज्यसभा में आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी की ताकत और बढ़ने जा रही है।  फिलहाल 11 सितंबर को होने जा रहे उप-चुनाव में भाजपा आसानी से अपनी जीत दर्ज करेगी। ये सीट समाजवादी पार्टी सांसद अमर सिंह के निधन के बाद खाली हुई और इसके लिए चुनाव होने हैं। वहीं राज्य में नवबंर में होने वाले राज्य के चुनाव में भाजपा को करीब 9 सीटें मिल सकती हैं।  लिहाजा राज्यसभा में उत्तर प्रदेश बड़ी भूमिका निभाएगा।

फिलहाल सपा सांसद अमर सिंह के निधन के बाद राज्य  में उपचुनाव हो रहा है और ये सीट भाजपा के खाते में जाना तय है।  फिलहाल भाजपा के पास राज्य में 86 राज्यसभा हैं और सहयोगी दलों की मदद से यह आंकड़ा बढ़कर 113 होता है। राज्यसभा में उत्तर प्रदेश से 31 सदस्य भेजे जाते हैं जो देश में बाकी अन्य राज्यों से सबसे ज्यादा है। लिहाजा नवंबर में होने वाले चुनाव में भाजपा राज्य से नौ  सीटें जीतेगी और इसके बाद राज्यसभा में भाजपा और उसके सहयोगी दलों की संख्या 122 तक पहुंच जाएगी। इसके बाद भाजपा को पूर्ण बहुमत के लिए महज एक सीट की जरूरत होगी।

जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में विधायकों की संख्या 395 और भाजपा के पास यहां 305 विधायक का संख्या बल है। जबकि सहयोगी दलों के साथ मिलाकर ये संख्या 314 तक पहुंचती है।  लिहाजा नवंबर में होने वाले राज्यसभा चुनाव में भाजपा यूपी में  10 में से 8 सीटें जीतने में सक्षम होगी जबकि 9 वीं सीट अपने पाले में लाने के लिए रणनीति बनाएगी। उत्तर प्रदेश के 10 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल नवंबर में खत्म हो रहा है और यहां पर दोबारा चुनाव कराए जाएंगे। यूपी विधानसभा की वर्तमान स्थिति के मुताबिक नवंबर में एकमुश्त जीत के लिए 37 मतों की जरूर होगी। 

क्या विधानसभा का गणित

उत्तर प्रदेश विधानसभा में फिलहाल भाजपा के 305 विधायक हैं जबकि 48 विधायक समाजवादी पार्टी है। वहीं  18 विधायक बहुजन समाज पार्टी के हैं।  इसके साथ ही भाजपा की सहयोगी अपना दल के पास 9 विधायक, कांग्रेस के पास 7, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी 4, राष्ट्रीय लोक दल-1 और तीन निर्दलीय विधायक हैं। हालांकि राज्य विधानसभा में 8 सीट खाली है।