केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की टीम आज हेराल्ड आवास का दौरा करेगी। कल ही दिल्ली हाईकोर्ट ने एसोसिएटेड जर्नल प्रेस को हेराल्ड हाउस को खाली करना का आदेश दिया था।
नई दिल्ली | केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की टीम आज हेराल्ड आवास का दौरा करेगी। कल ही दिल्ली हाईकोर्ट ने एसोसिएटेड जर्नल प्रेस को हेराल्ड हाउस को खाली करना का आदेश दिया था। लिहाजा आज टीम लीजहोल्डर से परिसर का कब्जा सौंपने को कहेगी।
असल में कल हाईकोर्ट से फैसला आने के बाद मंत्रालय ने हेराल्ड हाउस का दौरा करने का फैसला किया है। ये फैसला दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा एजेएल की याचिका खारिज किए जाने के बाद आया है। मंत्रालय के अफसर आज आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस जाएंगे और एजेएल से शांतिपूर्वक इसका कब्जा देने का अनुरोध करेंगे। हालांकि कोर्ट ने खाली करने के लिए कोई तय सीमा नहीं बताया थी। मंत्राय की टीम हाउस को खाली करने को कहेगा और अगर वह इसे खाली नहीं करते हैं तो पीपीई एक्ट के तहत कब्जा हटाने के लिए सात दिन का नोटिस दिया जाएगा।
गौरतलब है कि गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने ये नहीं बताया कि कि अब तक एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड को ये बिल्डिंग खाली करनी होगी। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद उसकी मुश्किलें बढ़ गयी हैं। हाईकोर्ट ने नेशनल हेराल्ड हाउस को खाली करने का आदेश दिया है वहीं हाईकोर्ट ने एसोसिएट जनरल लिमिटेड की अर्जी को भी खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की खंडपीठ के समक्ष केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि नेशलन हेराल्ड का प्रकाशन एजेएल 2008 में बंद कर चुकी थी और कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दे दी गई थी। कंपनी ने लीज की शर्तों का उल्लंघन कर हेराल्ड हाउस को किराए पर दिया था।
वहीं कंपनी के शेयर यंग इंडियन कंपनी को ट्रांसफर कर दिए गए। केंद्र सरकार का तर्क था कि यह संपत्ति समाचार पत्र प्रकाशन और प्रिंटिंग के लिए एजेएल को दी गई थी, लेकिन उसने यह काम बंद कर दिया था। वहीं दूसरी तरफ, एजेएल की ओर से अपील पर जिरह में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र सरकार की दलीलों को खारिज करते हुए कहा था कि कंपनी के शेयर ट्रांसफर होने का मतलब उसकी संपत्ति शेयरधारकों के नाम होना नहीं है। असल में एकल न्यायाधीश ने आईटीओ स्थित प्रेस एरिया में परिसर खाली करने के केंद्र के आदेश के खिलाफ दायर एजेएल की याचिका को 21 दिसंबर, 2018 को खारिज कर दिया था। बेंच ने कहा था कि एजेएल पर यंग इंडिया (वाईआई) ने कब्जा कर लिया जिसकी हिस्सेदारी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के पास है।
Last Updated Mar 1, 2019, 8:21 PM IST