ट्रंप प्रशासन अपनी बेहतरीन रक्षा प्रौद्योगिकियों की भारत को पेशकश करने के लिए तैयार है। हिंद-प्रशांत महासागर में चीन के बढ़ते सैन्यीकरण को देखते हुए इस पेशकश को अहम माना जा रहा है।
वॉशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने भारत को हथियारों से लैस ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही समन्वित हवाई एवं मिसाइल रक्षा प्रणाली की पेशकश भी की गई है। इसका उद्देश्य सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा सुरक्षा हितों में मदद करना है।
पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका की तरफ से यह मंजूरी व पेशकश की गई है। साथ ही हिंद-प्रशांत महासागर में चीन के बढ़ते सैन्यीकरण को देखते हुए भी उसने यह पेशकश की है। अधिकारियों के मुताबिक ट्रंप प्रशासन अपनी बेहतरीन रक्षा प्रौद्योगिकियों की भारत को पेशकश करने के लिए तैयार है। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ‘अमेरिका ने भारत को हथियारों से लैस ड्रोन बेचने की मंजूरी दी है। हमने भारत को समन्वित हवाई एवं मिसाइल रक्षा प्रौद्योगिकी की भी पेशकश की है।’
अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी। उन्होंने यह नहीं बताया कि भारत को हथियारों से लैस ड्रोन की बिक्री कब की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच जून 2017 में बैठक के दौरान अमेरिका ने भारत को गार्जियन ड्रोन के निगरानी संस्करण को बेचने पर सहमति जताई थी।
2.5 अरब डॉलर का हो सकता है सौदा
भारत परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं करने वाला पहला देश है जिसे एमटीसीआर श्रेणी यानी एक मानव रहित हवाई प्रणाली की पेशकश की गई है। आम चुनावों के चलते भारत की तरफ से निर्णय लेने में विलंब के कारण सौदा अभी तक नहीं हुआ है लेकिन अमेरिका ने हाल के महीने में नई दिल्ली को हथियारों से लैस गार्जियन ड्रोन बेचने के बारे में सूचित किया था। रक्षा उद्योग के एक सूत्र ने बताया कि अब भारत को निर्णय करना है। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि अगर सौदा हुआ तो यह 2.5 अरब डॉलर से अधिक का हो सकता है।
पैट्रियट मिसाइल प्रणाली की भी पेशकश
अमेरिका ने भारत को समन्वित रक्षा मिसाइल की भी पेशकश की है। अधिकारियों ने हालांकि इस बारे में जानकारी नहीं दी लेकिन बताया जाता है कि पेशकश दो नवीनतम प्रणालियों को लेकर है -टर्मिनल हाई अल्टीट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम (टीएचएएडी) और पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम। भारत ने रूस के साथ एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का समझौता किया है और उसने अमेरिकी पेशकश का अभी तक जवाब नहीं दिया है। अमेरिका ने खुद यह पेशकश की है। वर्तमान में नई दिल्ली में इस पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। (इनपुट पीटीआई)
Last Updated Jun 8, 2019, 4:38 PM IST