लखनऊ। हिंदू युवा सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदित्य मिश्रा ने 11 मार्च को अपने ऑफिस में सुसाइड कर लिया। इसके लिए उन्होंने पिस्टल की नाल मुंह में डाली और फिर ट्रिगर दबा दिया। गोली चलने की आवाज सुनकर ऑफिस के कर्मचारी उनके केबिन में दौड़ कर पहुंचे तो वह कुर्सी पर खून से सने हुए पड़े थे। ऐसा उनके कर्मचारियों का कहना है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। केबिन में मेज पर एक पिस्टल व्यवस्थित रखी मिली। कर्मचारियों को कहना है कि उसी पिस्टल से आदित्य ने सुसाइडट किया है। उसी टेबल पर चार पेज का एक सुसाइड नोट भी मिला है। घटना लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र की है पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया है।

 

11 बजे फोन पर किसी से 30 घंटे तक की थी आदित्य ने बात
मूल रूप से गोसाईगंज के मलौली गांव निवासी 47 वर्षीय आदित्य मिश्रा परिवार के साथ गोमती नगर लखनऊ में रहते थे। उन्होंने सुशांत गोल्फ सिटी के सेक्टर एफ-1 में ऑफिस बना रखा था। यहां से वह प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे। वह घर से 11 मार्च को सुबह ऑफिस के लिए निकले थे। दोपहर में वह अपनी केबिन में बैठ कर किसी से फोन पर बात कर रहे थे। कर्मचारियों का कहना है कि अचानक से अंदर से गोली चलने की आवाज बाहर आई तो वह लोग भाग कर पहुंचे। 

 

कुर्सी पर मृत मिले आदित्य की पिस्टल मेज पर रखी थी सुव्यवस्थित
अंदर आदित्य मिश्रा अपनी कुर्सी पर लहूलुहान पड़े थे। उनकी मौत हो चुकी थी। एक पिस्टल मेज पर रखी थी। यह देख ऑफिस में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर सुशांत गोल्फ सिटी थाना प्रभारी अंजनी कुमार मिश्रा अपनी टीम के साथ पहुंचे। डीसीपी साउथ तेज स्वरूप सिंह समेत अन्य अधिकारी भी पहुंच गए। फॉरेंसिक टीम बुलाई गई। डीसीपी साउथ तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि मौके से चार पेज का एक सुसाइड नोट और एक पिस्टल मिली है।

 

प्रोजेक्ट में पैसे फंसने से करोड़ों के कर्जदार हो गए थे आदित्य
पुलिस के अनुसार जांच में पता चला कि आदित्य मिश्रा ने कई प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपए उधार लेकर लगाए थे। प्रोजेक्ट पूरे न होने की वजह से वह कर्जदार हो गए थे। तगादेदार उनसे लगातार तगादा कर रहे थे। जिसकी वजह से वह पिछले काफी दिनों से डिप्रेशन में चल रहे थे। जांच में यह भी पता चला कि जो पिस्टल मिली है, वह अवैध है। इंस्पेक्टर अंजनी कुमार मिश्रा का कहना है कि यह पिस्टल उनके पास कैसे पहुंची, यह जांच का विषय है।

 

घटनास्थल और कर्मचारियों के बयान में भिन्नता
घटनाक्रम और मौका-ए-वारदात में भिन्नता मिली है। उनके कर्मचारियों ने जो कहानी बताई और मौके को जो हालात थे, वो मेल नहीं खा रहे हैं। मसलन अगर आदित्य मिश्रा ने पिस्टल की नाल अपने मुंह में डालकर खुद ट्रिगर दबाया तो पिस्टल उनके ऊपर या फिर जमीन पर गिरनी चाहिए लेकिन पिस्टल मेज पर व्यवस्थित रखी थी, कैसे और क्यों? क्या आदित्य अपने पास अवैध पिस्टल रखते थे? ऐसे कई सवाल है जो सुसाइड थ्योरी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। 

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