गाजीपुर। यूपी के गाजीपुर अंतर्गत कालीबाग कब्रिस्तान में अपने दुलारे लंबू को मिट्टी देने पहुंचे हुजूम ने प्रशासन की पेशानी पर बल दे दिया था। गाजीपुर की डीएम ने कब्रिस्तान के अंदर परिवार के अलावा अन्य लोगों को जाने से रोका तो मुख्तार अंसारी के बड़े भाई एवं सांसद अफजाल अंसारी नाराज हो गए। उनकी डीएम से तीखी बहस भी हो गई। 

मिट्टी देने के लिए सिर्फ परिवार को थी इजाजत
मुख्तार अंसारी को  कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक की प्रक्रिया के दौरान गाजीपुर की डीएम आर्यका अखोरी ने अफजाल अंसारी से केवल परिवार के सदस्यों को ही कब्रिस्तान के अंदर ले जाने के लिए कहा। डीएम के इस तर्क पर सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि अगर दूसरे लोग भी मुख्तार अंसारी के सुपुर्द-ए-खाक में शामिल होना चाहते हैं, तो उन्हें कोई नहीं रोक सकता। इस पर डीएम आर्यका अखोरी ने कहा कि मैं डीएम हूं। इसके लिए इजाजत नहीं ली गई है। गुस्से में नजर आए अफजाल ने कहा कि मिट्टी देने कोई किसी को नहीं रोक सकता और इसके लिए किसी परमीशन की जरूरत नहीं होती। 

 

डीएम आर्यका अखोरी से हुई अफजाल अंसारी की तीखी बहस
सांसद अफजाल अंसारी के तर्क पर डीएम आर्यका अखोरी ने कहा कि ठीक है, सभी की वीडियोग्राफी हो रही है। हम आप सभी के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि यहां माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई है। धारा 144 लागू है, फिर भी नहीं समझ आ रहा है। इस संबंध में गाजीपुर एसपी ओमवीर सिंह ने कहा कि मुख्तार के परिजन मिट्टी डाल रहे थे। बीच में गलियों से लोग आ रहे थे। उनकी पहचान की जा रही है।

बीबी और बेटा नहीं हो सके शामिल
बता दें कि गुरुवार की रात मुख्तार अंसारी की मौत के बाद शुक्रवार को उसके शव को उसके जन्मस्थान गाजीपुर लाया गया। हालांकि कब्रिस्तान में उसके शव को बस परिवार के लोगों को ही मिट्टी देने की इजाजत दी गई। इस दौरान कब्रिस्तान से लेकर पूरे गाजीपुर में तगड़ा सुरक्षा इंतजाम था। इस मौके पर उसकी पत्नी अफशां अंसारी और बेटा अब्बास अंसारी मौजूद नहीं थे।अफशां फरार है जबकि अब्बास कासगंज जेल में बंद है।  

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