पूर्वांचल के बाहुबली पूर्व सांसद धनजंय सिंह और उनके विक्रम सिंह को एमपी एमएलए कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है। साथ में 75 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने 6 मार्च को उन्हें सजा सुनाई। 5 मार्च को ही उन्हें दोषी करार दिया गया था।
जौनपुर। पूर्वांचल के बाहुबली पूर्व सांसद धनजंय सिंह और उनके विक्रम सिंह को एमपी एमएलए कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है। साथ में 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने 6 मार्च को उन्हें सजा सुनाई। 5 मार्च को ही उन्हें दोषी करार दिया गया था। सजा होने के बाद अब वह लोकसभा और विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की सजा मिली है। इसे हाईकोर्ट में अपील करेंगे। इस दौरान कोर्ट में समर्थकों का मजमा लगा रहा।
नाममि गंगें के प्रोजेक्ट मैनेजर ने दर्ज कराई थी एफआईआर
जौनपर में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने चार साल पहले बाहुबली पूर्व सांसद धनजंय सिंह, विक्रम सिंह आदि पर अपहरण, पिस्टल सटाने, रंगदारी मांगने, धमकी देने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया था। इस मामले की सुनवाई जौनपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। 5 मार्च को कोर्ट ने पूर्व सांसद और विक्रम सिंह को दोषी करार दिया था। आज उसी प्रकरण में सजा सुनाई गई है।
कोर्ट में लगा रहा समर्थकों का मजमा, लगाए नारे
कोर्ट में सजा का ऐलान होने के दौरान धनंजय सिंह के समर्थकों का कोर्ट में मजमा लगा था। जहां धनंजय भैया जिंदाबाद, हम आपके साथ हैं, जैसे नारे लगाए जा रहे थे। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ/एमपी एमएलए शरद कुमार त्रिपाठी की अदालत ने दोनों आरोपियों को अपहरण और रंगदारी के आरोप में दोषी करार दिया था। सजा के लिए 6 मार्च की तिथि तय की थी। कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह व संतोष विक्रम सिंह को धारा 364, 386, 120बी, 504, 506 आईपीसी के तहत सजा सुनाई है। उन पर 364 आईपीसी के तहत 50 हजार और 386 आईपीसी के तहत 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने कहा कि सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
चार साल पहले लाइन बाजार थाने में दर्ज हुआ था केस
नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उसके सहयोगी संतोष विक्रम सिंह के खिलाफ अपहरण, रंगदारी, धमकी आदि धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है। अभिनव ने आरोप लगाया था कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने अपने खास आदमी संतोष विक्रम सिंह के साथ दो व्यक्तियों के साा पचहटिया साइट पर आए थे। वहां से फारच्यूनर कार से अगवा कर पूर्व सांसद के घर पर ले गए थे। जहां पूर्व सांसद ने पिस्टल सटाकर गालियां दी और धमकी देते हुए फर्म को कम गुणवत्ता वाली सामग्री आपूर्ति करने का प्रेशर बनाया। इनकार करने पर धमकी दी और रंगदारी मांगी।
पूर्व सांसद ने साजिश के तहत फंसाने का लगाया आरोप
एफआईआर के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। लोवर कोर्ट में जमानत खारिज होने के बाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। उस वक्त पूर्व सांसद ने राज्यमंत्री और एसपी पर षडयंत्र रचकर फंसाने का आरोप लगाया है। पत्रावली सुनवाई के लिए एमपी एमएलए कोर्ट भेजी गई थी। जहां आज सजा सुनाई गई।
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Last Updated Mar 7, 2024, 12:45 AM IST