जेएनयू की छात्र नेता शेहला रशीद ने सोशल मीडिया के जरिये दावा किया कि देहरादून में एक इंस्टीट्यूट के हॉस्टल में 15-20 लड़कियां गुस्साई भीड़ से घिरी हुई हैं। लोग उन्हें हॉस्टल से बाहर करने की मांग कर रहे हैं।
पुलवामा हमले के बाद देश में जिस तरह का गम और गुस्सा है, उसकी आड़ में कुछ लोग अफवाहें फैलाने में जुट गए हैं। कश्मीरी छात्रों के खिलाफ लोगों के गुस्से को लेकर फर्जी सूचनाएं सोशल मीडिया पर डाली जा रही हैं। इसी क्रम में ताजा नाम जुड़ा है, जेएनयू की छात्र नेता शेहला रशीद का। उन्होंने देहरादून में कुछ कश्मीरी लड़कियों से गुस्साई भीड़ से घिरे होने की गलत सूचना सोशल मीडिया पर डाली, इसके बाद ये खबर तेजी से फैल गी।
हालांकि तेजी से कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड पुलिस ने इन अफवाहों का खंडन कर दिया और कहा कि कुछ लोग जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया वेबसाइटों पर खबर चल रही थी कि देहरादून में एक इंस्टीट्यूट के हॉस्टल में 15-20 लड़कियां गुस्साई भीड़ से घिरी हुई हैं। लोग उन्हें हॉस्टल से बाहर करने की मांग कर रहे हैं।
इस मैसेज को जेएनयू की छात्र नेता शेहला रशीद ने फैलाया था। इसमें कहा गया था, 'देहरादून के एक हॉस्टर में 15-20 लड़कियां घंटों से फंसी हैं। उनके हॉस्टल के बाहर गुस्साई भीड़ है, जो उन्हें हॉस्टल से बाहर निकालने की मांग कर रही है। यह डॉल्फिन इंस्टीट्यूट है। पुलिस वहां मौजूद है लेकिन भीड़ (sic) को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।'
#SOSKashmir 15-20 Kashmiri girls trapped in a hostel in Dehradun for hours now, as an angry mob outside demands that they be expelled from the hostels. This is in Dolphin institute. Police is present but unable to disperse the mob.@INCUttarakhand @uttarakhandcops @ukcopsonline
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) February 16, 2019
कुछ मीडिया संगठनों ने सोशल मीडिया में किए गए ट्वीट के आधार पर इस तरह की खबरें चलाई थीं। हालांकि इनकी जांच करने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने कहा, ये सभी अफवाहें हैं। कश्मीरी लड़कियों के पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी को लेकर कुछ गलतफहमी थी, इसे दूर कर लिया गया है। वहां पर कोई भीड़ एकत्रित नहीं हुई थी।
Don't Spread Rumours... pic.twitter.com/2sGnfdlWw4
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) February 17, 2019
पुलिस ने लोगों से अपनी की है कि वह अफवाहों और फर्जी खबरों को न फैलाएं। इनका दुरुपयोग हिंसा फैलाने के लिए किया जा सकता है। पुलिस की ओर से कहा गया है कि जो लोग गलत सूचना फैलाते पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Last Updated Feb 17, 2019, 1:24 PM IST