वाड्रा के के पूर्व असिस्टेंट के मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत से कहा कि मनोज अरोड़ा के खिलाफ पहले भी तीन बार समन जारी किए गए हैं। रॉबर्ट वाड्रा के विभिन्न दस्तावेज़ उसके कब्ज़े में हैं। वह स्काईलाइट तथा रॉबर्ट वाड्रा का फ्रंट मैन है। 

इस बात के डिजिटल सबूत मौजूद हैं कि वह  बीकानेर ज़मीन घोटाले में भी आरोपी है। जब तक वह जांच में शामिल नहीं होता, जांच नहीं की जा सकती। 

इस मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट 9 जनवरी को फैसला सुनाएगा।

प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को बताया कि वह लंदन में एक फ्लैट का वर्चुअल मालिक है। जिसकी कीमत करीब 16 करोड़ 80 लाख रुपये से ज्यादा है। 

ईडी ने वाड्रा के करीबी मनोज अरोड़ा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की मांग की थी। अरोड़ा ईडी की छापेमारी के बाद से ही फरार है। अरोड़ा के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने की मांग करते हुए ईडी ने कोर्ट को बताया कि कई बार बुलाने के बाद भी अरोड़ा पूछताछ के लिए नही आया। 

ईडी ने कहा कि अरोड़ा से पूछताछ जरूरी है, क्योंकि वह वाड्रा के खिलाफ कई लेनदेन की जानकारी रखता है।

ईडी के मुताबिक लंदन की प्रॉपर्टी को मनी लॉन्ड्रिंग के पैसे से खरीदा गया है और लेनदेन से संबंधित सभी जानकारी मनोज अरोड़ा को है।

ईडी ने यह भी कहा कि यह फ्लैट भगोड़े डिफेंस डीलर संजय भंडारी ने 16 करोड़ 80 लाख रुपये में खरीदा है और वाड्रा के कंट्रोल वाली फर्म ने इसी कीमत पर भंडारी से इसे खरीद था। 

भंडारी पर ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत 2016 में मुकदमा दर्ज किया था। ईडी को आशंका है कि भंडारी नेपाल के जरिये देश छोड़ने में कामयाब रहा है। इसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भंडारी की दिल्ली और गुड़गांव की प्रॉपर्टी को जब्त कर लिया था।लेकिन उसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नही मिली है।

 ईडी ने यह भी कहा है कि अरोड़ा भी दिल्ली और बेंगलुरु स्थित उसकी संपत्तियों पर ईडी की छापेमारी के बाद से ही फरार है। यह छापेमारी वाड्रा के खिलाफ काले धन एक्ट में दायर की गई थी। ईडी ने यह भी दावा किया है कि अरोड़ा मामले में महत्वपूर्ण व्यक्ति है। उसे विदेशों में वाड्रा की अघोषित संपत्तियों की जानकारी है।