अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत बेहद नाजुक है। बुधवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में एम्स ने बताया कि वाजपेयी की हालत 24 घंटे में और खराब हुई है। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। वाजपेयी को किडनी की नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि मधुमेह के शिकार 93 वर्षीय वाजपेयी की एक ही किडनी काम करती है।
 
वाजपेयी की तबीयत और बिगड़ने की खबर मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम्स जाकर उनका हालचाल जाना। वह शाम करीब सवा सात बजे एम्स पहुंचे। पीएम वहां करीब 50 मिनट तक रुके।
 
पीएम मोदी के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, सुरेश प्रभु, डा. हर्ष वर्धन, विजय गोयल और स्मृति ईरानी भी वाजपेयी को देखने एम्स पहुंचे। इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन और सांसद मीनाक्षी लेखी ने भी एम्स जाकर वाजपेयी का हालचाल जाना।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी वाजपेयी का हालचाल जाना और उनकी बिगड़ती तबीयत को लेकर चिंता जताई। ममता और चंद्रबाबू दोनों की वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का हिस्सा थे।
 
वाजपेयी 2005 के बाद से ही बीमार बताए जाते हैं। एनडीए के 2004 में सत्ता से हटने के बाद वह कभी सार्वजनिक कार्यक्रमों में नहीं दिखाई दिए। वाजपेयी तब भी सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आए जब केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न प्रदान किया। बताया जाता है कि वाजपेयी कुछ साल से डिमेंशिया से ग्रस्त हैं।
 
उधर, वाजपेयी की हालत गंभीर होने का समाचार आए के बाद से एम्स के बाहर उनके समर्थक भी जुटने लगे हैं। लोगों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए एम्स के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।