प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट (HC) ने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे पर गुरुवार को बड़ा फैसला दिया है। HC ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि न्यायहित में ASI सर्वे आवश्यक है। इसे कुछ शर्तों के साथ लागू करने की जरुरत है। आपको बता दें कि इसके पहले मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में ASI सर्वे के फैसले को चैलेंज किया था। उसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में में ASI सर्वे को चुनौती देने वाली याचिका दाखिल की थी।

पाइंट्स में जानिए Gyanvapi ASI Survey Case के बारे में

  1. वाराणसी जिला जल की अदालत ने बीती 21 जुलाई को ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वे का आदेश दिया था। 
  2. जिला जल एके विश्वेश ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का आदेश दिया था। 
  3. वाराणसी जिला अदालत को 4 अगस्त तक सर्वे रिपोर्ट ASI द्वारा सौंपी जानी थी।
  4. अदालत के आदेश के बाद एएसआई टीम सक्रिय हो गई।
  5. ASI की टीम सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे करने के लिए गई।
  6. आनन-फानन में मुस्लिम पक्ष भी अपने बचाव में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
  7. मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में वाराणसी जिला अदालत के ASI सर्वे के आदेश को चुनौती दी। 
  8. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वे पर दो दिन के लिए रोक लगा दी और मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट में अपना मामला पेश करने के लिए कहा।
  9. फिर मुस्लिम पक्ष ने ASI सर्वे को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की। 
  10. हाईकोर्ट ने उसी याचिका की सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है। 

 

जानिए आगे क्या होगा?

  • बहरहाल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे के जिला जल के आदेश को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है तो अब ASI ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे फिर शुरु कर सकता है।
  • यह भी कहा जा रहा है कि हाईकोर्ट द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद अब मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। यह ऐसे ही नहीं कहा जा रहा है, बल्कि जिला जल की अदालत के फैसले के खिलाफ भी मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रूख कर चुका है। तब SC ने मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था।

 

हिंदू पक्ष के वकील ने क्या कहा?

हिंदू पक्ष के वकील विष्णू शंकर जैन ने कहा है कि हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। ऐसे में जिला अदालत का फैसला लागू है और ASI सर्वे का काम शुरू होना चाहिए। हमने कहा है कि ज्ञानवापी परिसर को बिना नुकसान पहुंचाए सर्वे किया जाएगा। उनका कहना है कि सर्वे होना चाहिए ताकि सच सामने आए। 

क्या है है पूरा विवाद? 

5 महिलाओं ने अगस्त 2021 में वाराणसी कोर्ट में एक वाद दायर कर श्रृंगार गौरी मंदिर में डेली पूजा की अनुमति मांगी थी। श्रृंगार गौरी मंदिर ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में है। महिलाओं की याचिका पर एडवोकेट सर्वे का आदेश हुआ। उस सर्वे में परिसर के वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था। हालांकि मुस्लिम पक्ष उसे फव्वारा बता रहा है। 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये हुआ

बहरहाल, विवादित स्थल को सेशन कोर्ट ने सील करने का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चला गया। सुप्रीम कोर्ट ने केस जिला जल को ट्रांसफर कर दिया। साथ ही वाद की पोषणीयता पर नियमित सुनवाई कर फैसला सुनाने का निर्देश भी दिया। 

कोर्ट ने वाद सुनवाई योग्य माना

चूंकि मुस्लिम पक्ष ने तर्क दिया था कि उपासना स्थल कानून 1991 के प्रकाश में यह वाद पोषणीय नहीं है। लिहाजा इस पर सुनवाई नहीं हो सकती। पर कोर्ट ने इस वाद को सुनवाई योग्य माना 

मई में 4 वादिनी महिलाओं ने की थी ये मांग

​फिर 5 वादी महिलाओं में से 4 ने मई में एक एप्लीकेशन लेटर दाखिल किया। उसमें ज्ञानवापी परिसर के विवादित हिस्से को छोड़कर बाकि हिस्सों के एएसआई सर्वे की मांग की गई थी। उसी पर जिला अदालत ने एएसआई सर्वे कराने का फैसला दिया था।