वाराणसी: लंका थाना अंतर्गत नरोत्तमपुर में  11/12.08.19 की रात  को शिक्षिका निवेदिता सिंह की हत्या का खुलासा एसएसपी आनंद कुलकर्णी द्वारा रविवार को पुलिस लाईन सभागार में 5 अभियुक्तों को पेश कर किया गया। एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि पति शैलेंद्र सिंह द्वारा अपनी दूसरी पत्नी के साथ मिलकर पूरी वारदात को अंजाम दिया गया था।

घटना में कुल 5 लोग  शैलेन्द्र सिंह, काजल सिंह(दूसरी पत्नी) राजेश रायकवार, गीता रायकवा, शुभम परिहार उर्फ छोटकी उर्फ शिवम को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।

टीचर निवेदिता सिंह के  सर पर किसी धारदार हथियार से मारकर हत्या कर दिया गया था, अगले दिन घरवालो द्वारा फोन मिलाने पर जब फोन नही उठा तो शंका होने पर दूसरे परिजनों और ट्यूशन पढ़ने आये बच्चो के द्वारा दरवाजा खोलकर  देखा गया तो निवेदिता की लहू लूहान शरीर मृत अवस्था में कमरे के फर्श पर पडा हुआ था ।

आखिरी मोबाइल कॉल से सुलझी गुत्थी
पुलिस जांच में पता चला कि एक औरत मुंह बांधे हुये दो लड़को के साथ में दिनांक 10.08.19 से ही निवेदिता का पीछा व उसके घर की रेकी कर रही थी। दिनांक 10.08.19 को मृतका व मुंह बाधी हुयी औरत जो उसका पीछा कर रही थी उसका आमना सामना हुआ, तब मृतका द्वारा उसका मुंह जबरदस्ती खुलवाने पर मृतका द्वारा उसकी पहचान कर ली गयी। वो औरत काजल की दोस्त गीता रायकवार थी। उसकी पति शैलेन्द्र सिंह द्वारा दूसरी शादी की गई लड़की का नाम था। 

काजल की दोस्त गीता ने निभाई अहम भूमिका
गीता की तलाश शुरू कर दी गयी सर्विलांस की मदद ली गयी, जिसके क्रम में आज दिनांक 1/9/19 को नुआव चौराहे के पास से अभियुक्त शैलेन्द्र सिंह उसकी दूसरी पत्नी काजल व उसके सहयोगी हत्यारो को ले आने वाली गीता रायकवार व दूसरा सहयोगी राजेश रायकवार व हत्यारा शुभम सिंह को गिरफ्तारी किया गया।

दिव्यांग बेटी पैदा होने से नहीं था खुश
शैलेन्द सिंह ने बताया कि उसकी शादी निवेदिता सिंह के साथ 2008 में हुई थी ।शादी के बाद हमारी एक बेटी पैदा हुई जो 15 दिन बाद मर गयी ।उसके बाद से हम पति पत्नी के बीच में लगातार विवाद चलता रहा ।उसके कुछ सालों बाद हमारी एक और लड़की फिर पैदा हुई ,जो अभी 8 साल की है, लेकिन दिव्यांग है। जिसकी वजह से अपनी पत्नी से खुश नहीं था और हमारा आपसी विवाद इस कदर पहुंच गया कि करीब 2 साल पहले मै अपनी पत्नी व बेटी को छोड़कर भिलाई चला गया।

चचेरी साली से कर ली शादी 
 काजल जो मेरी पहली पत्नी की ही चचेरी बहन लगती है । इसी बीच हमारी करीबी हुई और भिलाई में हमने शादी की। जिससे हमारी एक बेटी पैदा हुई, जो एक साल की है, इसी बीच मैने अपनी पहली  पत्नी निवेदिता पर तलाक देने के लिए दबाव बनाता रहा ताकि मेरा उससे छुटकारा हो जाये। पर वो तैयार नही हुई इसी बीच हमारे बीच कई मुकदमें न्यायालय में चले और न्यायालय द्वारा हर महीने भरण-पोषण के लिये मेरे कमाई का कुछ हिस्सा पहली पत्नी निवेदिता को देने का आदेश हुआ और मेरी पहली पत्नी निवेदिता नरोत्तमपुर में मेरे मकान में रहने लगी। इन सभी बातों से मैं बहुत परेशान हो गया था और अपनी पहली पत्नी से किसी भी तरह से छुटकारा चाहता था।

काजल ने कराई गीता से पहचान
 उसके बाद हमने गीता रायकवार व उसके पति राजेश रायकवार से मिलकर सारी बात बतायी।  गीता ने बताया अगर निवेदिता को मार दिया जाय तो सारी समस्य़ा का समाधान अपने आप हो जायेगा । इस पर हम सब राजी हो गये । निवेदिता को मारने के लिए पांच लाख रूपये में गीता से सुपारी तय हुई गीता अपने एक जानने वाले जय उर्फ बाबा की मदद से मदद से दो हत्यारो से सौदा तय की जिनका नाम शुभम व रोहित था, शुभम और रोहित को गीता अपने साथ लेकर 10.08.19 को बनारस आयी व उनके साथ में निवेदिता का पीछा उसके विद्यालय व घर पर की ताकि मौका मिलते ही उसे मार दिया जाय। इसी क्रम में 11.08.19 को दिन में उसके घर गीता उन हत्यारो के साथ निवेदिता को मारने के लिए गयी आस पास भीड़ होने के वजह से मौका नही मिला और निवेदिता व गीता का आमना सामना हो गया।

 पति ने बताया घर का पूरा नक्शा 
बाद में ये तय हुआ कि रात में घर में घुसकर निवेदिता की हत्या कर दी जायेगी। चूकि मेरे द्वारा पहले ही घर के नक्शे के बारे में गीता को समझा दिया गया था और यह बता दिया गया था छत से चढ़ कर सीढी वाला गेट का दरवाजा है, वही बगल के बगल में कई मोखे है जिसमें हाथ डालकर खोला व बन्द किया जा सकता है,  पहले से तय योजना के तहत आधी रात को गीता व दोनो हत्यारे मृतका के घर के आस पास काफी सन्नाटा हो जाने पर पहुचे व गीता घर के बाहर रूक कर संकेत देने के लिए छिप गयी व दोनो हत्यारे घर के छत पर चढ कर पहले से बताये गये तरीके से छत के सीढी के दरवाजे को मुक्के में हाथ डालकर खोलकर घर में नीचे आये और मृतका के कमरे के तरफ बढ़े आहट पाकर जगी तभी इन दोनो ने निवेदिता के सर पर चापड़ व लोहे के राड से वार किया व हाथ काट दिया मृतका द्वारा चिल्लाने पर मुह पर तकिया रख कर पुनः वार किया और जान से मार दिया। फिर उसी रास्ते से छत पर आकर दरवाजे को पुनः बन्द करके गीता के साथ भाग गये।