राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने ऐलान किया है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। उन्होंने कहा कि उनका बेटा झालावाड़ से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। राज्य में हार के बाद वसुंधरा को राज्य की राजनीति से अलग कर दिया गया है और उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर पार्टी ने उनकी नाराजगी को दूर करने की कोशिश की है।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज एक कार्यक्रम में कहा कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी बल्कि उनका बेटा झालावाड़ से चुनाव लड़ेगा। इसे राजे की दबाव की राजनीति माना जा रहा है। राज्य में विधानसभा चुनाव में मिल हार के बाद भाजपा ने उन्हें राज्य में किसी भी पद पर नियुक्त नहीं किया। जबकि राजे प्रदेश अध्यक्ष पर दावा कर रही थी साथ ही विपक्ष के नेता का पद मांग रही थी। लेकिन संघ और राज्य के अन्य नेता इसके पक्ष में नहीं थे।

लिहाजा पार्टी ने उन्हें हार के बाद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त कर दिया। जिसके कारण वसुंधरा नाराज बताई जा रही हैं। लिहाजा आगामी लोकसभा का चुनाव न ल़ड़ने के ऐलान के पीछे पार्टी पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। वसुंधरा राजे का कहना है कि वह विधायक ही रहेंगी जबकि झालावाड़ से दुष्यन्त सिंह चुनाव लड़ेंगे। वसुंधरा ने झालावाड़ सांसद दुष्यन्त सिंह की तारीफ करते हुए कहा-'वो 2004 से लगातार जनता की सेवा कर रहे है। दुष्यन्त दिल्ली में जाकर राज्य की सेवा करेंगे और वह राज्य में विधायक बनकर जनता की सेवा करेंगी।

पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने सभा में 'मोदीजी फिर से-दिल से' के नारे लगवाये। वसुंधरा राजे ने कहा-'फिर से मोदीजी जैसा मजबूत प्रधानमंत्री देश में लाना है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में भारत का सम्मान बढ़ा है और इसके कारण आज सभी देश भारत की ताकत का लोहा मान रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की कांग्रेस की सरकार महज दो महीने में ही विफल हो गयी है।