नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में 12 मई को मतदान होने वाला है। लेकिन इससे पहले पूर्वी दिल्ली से आप उम्मीदवार आतिशी मार्लेना और उनके प्रतिद्वंदी बीजेपी के गौतम गंभीर के बीच जुबानी जंग शुरु हो गई है। 

आतिशी ने गौतम गंभीर पर आरोप लगाया है कि वह अपमानजनक पर्चे बंटवा रहे हैं। लेकिन गौतम गंभीर ने इससे इनकार करते हुए आप नेता से इस आरोप को साबित करने को कहा है। 

आप की तरफ से उम्मीदवार आतिशी ने एक प्रेस कांफ्रेन्स करके कहा कि ‘जब मेरे जैसी मजबूत महिला को नीचा दिखाने के लिए गंभीर इस तरह की घटिया हरकत कर सकते हैं तो सांसद बनने के बाद वह महिलाओ की सुरक्षा सुनिश्चित कैसे कर पाएंगे।’

वह पर्चा पढ़ते हुए फूट पड़ीं। जिसका शीर्षक था ‘आतिशी मार्लेना- अपने उम्मीदवार को जानिए’। आम आदमी पार्टी का आरोप था कि यह पर्चा समाचार पत्रों में रखकर बीजेपी ने बंटवाया है। 

आतिशी ने कहा कि ‘मैं मीडिया को यह जानकारी देते हुए बहुत दुखी हूं कि देश की राजनीति इतनी नीचे गिरती जा रही है।’

आतिशी के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्विट करके कहा कि ‘गौतम गंभीर इतना नीचे गिरेंगे यह सोचा भी नहीं था। इस तरह के लोगों के राजनीति में उतरने के बाद महिलाएं कैसे सुरक्षित महसूस करेंगी। आतिशी मजबूती दिखाइए। मैं समझ सकता हूं यह आपके लिए कितना मुश्किल होगा। हमें इसी तरह की ताकतों के खिलाफ संघर्ष करना है।’


इसका जवाब देते हुए गौतम गंभीर ने भी कई ट्विट किए जिसमें उन्होंने कहा कि केजरीवाल एक ‘गंदगी’ हैं जो महिला सम्मान की आड़ में चुनाव जीतना चाहते हैं।
गंभीर ने भी एक के बाद एक ट्विट करके कहा कि ‘मैं आपके(केजरीवाल के) इस कृत्य की निंदा करता हूं। जिसमें वह एक महिला, वह भी अपनी सहयोगी के सम्मान को चुनाव में जीतने के लिए मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’
 

 

 

गंभीर ने लिखा कि ‘मैं यह घोषणा करता हूं कि अगर यह बात साबित हो जाए कि मैने यह किया(अपमानजक पर्चे बंटवाना), तो मैं अभी अपनी उम्मीदवारी वापस ले लूंगा। लेकिन यह गलत साबित हुआ तो क्या आप राजनीति छोड़ देंगे’। गंभीर ने यह भी लिखा कि वह अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री होने पर शर्मिंदा हैं। 
क्रिकेटर से नेता बने गौतम गंभीर ने पिछले महीने ही भाजपा में शामिल हुए हैं। उनके सामने आतिशी के अलावा कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली भी मुकाबले में हैं। उनके खिलाफ दो वोटर आईडी रखने की शिकायत की गई थी। लेकिन चुनाव आयोग ने इस आपत्ति को खारिज कर दिया।