राम मंदिर के लिए एक बार फिर पूरे देश में मुहिम जोर पकड़ने लगी है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बड़ा ऐलान किया हैं।

विहिप ने कहा है कि वो राम मंदिर निर्माण को लेकर 9 दिसंबर को दिल्ली में बड़ी रैली करेंगे। इससे पहले 25 नवंबर को भी देश भर में राम मंदिर के निर्माण को लेकर रैली निकाली जाएगी। 25 नवंबर को अयोध्या में भी राम मंदिर के निर्माण को लेकर साधू- संतो की बड़ी सभा लगेगी। 25 नवंबर को नागपुर और बेंगलुरू में भी रैली निकाली जाएगी।

उधर संत समाज भी मंदिर के लिए एकजुट होने लगा है। उत्तराखंड के हरिद्वार में महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि राम मंदिर को लेकर देश के नामी संतों की बैठक होगी और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि वह राम मंदिर के निर्माण को लेकर  6 दिसंबर को अयोध्या या दिल्ली कूच कर सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भारत का हर संत रामलला के लिए तत्पर हैं। कारसेवा करने के लिए, अनशन के लिए, अयोध्या कूच करने के लिए, दिल्ली कूच करने के लिए, हमें केवल राम मंदिर चाहिए। हमें लगता है कि अगर सरकार चाहे तो तुरंत राम मंदिर का निर्माण हो सकता है। 

भारत माता ट्रस्ट के अध्यक्ष और जूना अखाड़े के पूर्व पीठाधीश्वर सत्यमित्रा नन्द ने भी चेतावनी दी है कि वो 6 दिसंबर के बाद अनशन पर बैठेंगे, चाहे वह आमरण अनशन क्यों ना हो। उन्होंने आगे कहा कि भारत के सभी संत रामलला के लिए अनशन पर बैठने के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि बीजेपी की सरकार ही रामलला मंदिर निर्माण करा सकती है। 

इससे पहले विश्व हिंदू परिषद ने भी विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में जनसभाएं आयोजित करने का ऐलान कर दिया था। सांसदों से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की खातिर संसद से विधेयक पारित कराने के लिए समर्थन मांगा था।

विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने मंगलवार को भरोसा जताया कि इस सबंध में केंद्र शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लाएगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध विहिप मंदिर निर्माण के पक्ष में माहौल बनाने के प्रयासों के तहत कई राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम आयोजित कर रही है।

उन्होंने उम्मीद जतायी कि इन कार्यक्रमों से मौजूदा माहौल में कांग्रेस जैसी पार्टियों पर पर्याप्त दबाव बनेगा कि वे विधेयक का विरोध नहीं करें।

आलोक कुमार ने कांग्रेस के ‘‘जनेऊधारी’’ अध्यक्ष राहुल गांधी के मंदिर जाने का जिक्र करते हुए आश्चर्य जताया कि उनकी पार्टी किस प्रकार राम मंदिर के निर्माण का विरोध कर सकती है।