नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद ने देश के मुस्लिम बाहुल्य हिस्सों में हिंदूओं पर हो रही हिंसा और हिंदूओं की मॉब लिंचिंग पर सवाल उठाए हैं। विहिप का कहना है कि हाल के दिनों में मुसलमानों के द्वारा हिन्दुओं की मॉब लिंचिंग की घटनाएं सामने आई हैं लेकिन इसको लेकर मीडिया और सामाजिक संगठन खामोश हैं। जबकि ये घटनाएं मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में हो रही हैं। 

विहिप के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने हिन्दुओं के खिलाफ लिंचिंग, हत्या, बालात्कार, लूट-पाट, धर्म-स्थानों, धर्मांतरण को लेकर सवाल उठाए हैं। आलोक कुमार ने कहा कि पिछले दिनों असम के कामरूप जिले में सब्जी बेचने वाले सनातन डेका की हत्या पांच मुस्लिमों ने कर दी। लेकिन सामाजिक संगठन और मीडिया इसको लेकर खामोश रहे। उन्होंने कहा कि मीडिया  का एक वर्ग  हिंदूओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर चुप है जबकि मुस्लिमों के मामलों को वह बढ़ाचढ़ा कर पेश करता है। उन्होंने कहा कि बिहार के बेगूसराय जिले के नूरपुर तीन मुस्लिम गुंडों ने पिस्तौल के बल पर दलित महिला के साथ दुष्कर्म और उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म का असफल प्रयास किया। इसके बावजूद सामाजिक संगठन इसको लेकर खामोश हैं।

आलोक कुमार ने कहा कि बिहार के ही किशनगंज में 15 वर्षीया हिन्दू दलित लड़की के साथ मुसलमानों द्वारा सामूहिक बलात्कार कर हत्या का मामला हो या बेगूसराय अनुमंडल में सरैया गांव में रामायण पढ़ने वाले युवकों को रमजान के महीने में रामायण नहीं पढ़ने देने के लिए राहुल पोद्दार परिवार से मारपीट, नालंदा मे हिन्दू व्यवसाइयों द्वारा ओउम् ध्वज लगाने पर मुकदमा हो या सीतामढ़ी, बेगूसराय, पूर्णिया, अररिया, कटिहार तथा पूर्वी चम्पारण इत्यादि अनेक स्थानों पर चल रहे सुनियोजित षडयंत्र पर भी मीडिया ने चुप्पी साधी हुई है। कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भद्रेसर तहसील के तेलनी पाड़ा गाँव में तीन दिन तक लगातार  हिन्दूओं पर हमले किए गए लेकिन ममता सरकार का प्रशासन खामोश रहा और मीडिया ने भी इस पर खामोशी साधे रखी।

विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि मुस्लिमों ने हिंदूओं के घर जलाए गए, महिलाओं को निशाना बनाया गया तथा उनके साथ मार पीट भी की गई। लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं की। वहीं मुर्शिदाबाद जिले में हिन्दू बस्तियों को बार बार निशाना बनाया जाता रहा है। लेकिन राज्य सरकार खामोश है। कुमार ने कहा कि ये तो महज उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि देश में बहुसंख्य हिन्दू समाज हिंसा और मोब लिंचिंग का बड़ा शिकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश में सिविल सोसाइटी कहलाने वाली संस्थाएं है और वह अल्पसंख्यक समुदाय के मामलों को बढ़ा चढ़ाकर पेश करते हैं और इसके जरिए भारत को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। लेकिन हिंदूओं के मुद्दे पर शांत रहते हैं।