जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों से सुरक्षा बलों की मुठभेड़ के बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई थी। इसके बाद पत्थरबाजों के बेकाबू होने के बाद के बाद सुरक्षा बलों को फायरिंग करनी पड़ी। इसमें सात पत्थरबाजों की मौत हो गई। अब इन सात पत्थरबाजों की मौत से पहले का एक सनसनीखेज वीडियो सामने आया है। इसमें साफ नजर आ रहा है कि बेकाबू पत्थरबाज कैसे सुरक्षा बलों को पत्थरों और लाठी डंडों से नुकसान पहुंचा रहे थे। हालांकि इस वीडियो की सत्यता की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि अभी नहीं हो पाई है। सूत्रों के अनुसार पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस वीडियो को कहां तैयार किया गया और यह फुटेज किस जगह का है। 

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इस घटना के बाद मामले में जमकर राजनीति हो रही है। राज्य में पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस जैसे राजनीतिक दल उल्टा सुरक्षा बलों पर आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि लोगों के खिलाफ नरम रवैया अपनाया जाना चाहिए। हालांकि वीडियो के देखने के बाद साफ पता चल रहा है कि सुरक्षा बलों को कितनी मुश्किल परिस्थिति में फायरिंग जैसा फैसला लेना पड़ा।  नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि सुरक्षा बलों को पत्थरबाजों पर पानी की बौछार करनी चाहिए।

इससे पहले, हिंसक झड़पों में 7 लोगों की मौत के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर गवर्नर शासन को हालात बिगड़ने का जिम्मेदार ठहराया। 15 दिसंबर को एक ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने कहा था, 'कोई भी जांच बेगुनाह लोगों को वापस नहीं ला सकती। दक्षिण कश्मीर पिछले छह महीने से डर के माहौल में है। क्या गवर्नर शासन से यही उम्मीद की गई थी? प्रशासन आम लोगों की जिंदगी बचाने में नाकाम रहा।'

15 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के साथ मिलकर पुलवामा के खारपोरा के सिरनू इलाके में तीन आतंकियों को मार गिराया था। इस मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया था जबकि एक अन्य घायल हुआ था। यह मुठभेड़ सुबह 8:30 बजे शुरू हुई थी। मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर जहूर ठोकर भी मारा गया। जहूर का नाम राष्ट्रीय राइफल्स के जवान औरंगजेब की हत्या में सामने आया था। मुठभेड़ के बाद लोग सड़कों पर आ गए थे और पत्थरबाजों ने सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया। शुरुआत में सुरक्षा बलों ने पत्थरबाजों को खदेड़ने के लिए हवाई फायर की लेकिन पत्थरबाजी तेज हो गई। इसके बाद सुरक्षा बलों को आत्मरक्षा में फायरिंग करनी पड़ी जिसमें सात पत्थरबाजों की मौत हो गई। 50 से ज्यादा पत्थरबाज घायल भी हुए थे।