भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने कहा है कि मैं "जनता के पैसों" का 100 प्रतिशत भुगतान करने के लिए तैयार हूं। जहां तक उनके ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पण का सवाल है तो इस मामले में कानून अपना काम करेगा। भारत सरकार के अनुरोध पर लंदन की अदालत में विजय माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण का केस भी चल रहा है। इस मामले में इसी महीने कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद है।

माल्या प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने दावा कि नेताओं और मीडिया ने उन्हें गलत तरीके से "डिफॉल्टर" के रूप में पेश किया। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, "मैंने देखा है कि मेरे प्रत्यर्पण के फैसले को लेकर मीडिया में कई चर्चाएं चल रही हैं। यह अलग मामला है और इसमें कानून अपना काम करेगा।" 

माल्या ने कहा, "जनता के पैसे सबसे जरूरी चीज है और मैं 100 प्रतिशत पैसे वापस करने की पेशकश कर रहा हूं। मैं बैंकों और सरकार से अनुरोध करता हूं कि वो इस पेशकश को स्वीकार करें।" माल्या पर कई बैंकों का 9000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। यह कर्ज उसकी कंपनी फिंगफिशर एयरलाइंस को दिया गया था। माल्या मार्च 2016 में देश छोड़कर ब्रिटेन चले गये थे। 

माल्या ने पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा, "नेता और मीडिया लगातार चिल्ला-चिल्लाकर मुझे डिफॉल्टर कह रहे हैं, जो कि सरकारी बैंकों का पैसा लेकर फरार हो गया। यह सब झूठ है। मेरे साथ उचित बर्ताव क्यों नहीं किया जाता है। मैंने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष जो व्यापक समाधान प्रस्ताव रखा था, उसका इसी तरह से प्रचार-प्रसार क्यों नहीं किया गया। बेहद दुखद।" 

उन्होंने दावा किया कि वह 2016 से बैंकों की बकाया राशि का निपटान करने के लिए पेशकश कर रहे थे। माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस की हालत बिगड़ने को लेकर कहा, "विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमतों में तेजी के कारण विमानन कंपनी को वित्तीय दिक्कतों का सामना करना पड़ा। किंगफिशर ने एटीएफ के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 140 डॉलर प्रति बैरल का भी सामना किया, जिसके चलते कंपनी का घाटा बढ़ता गया और बैंकों का पैसा इसी में जाता रहा। मैं बैंकों को मूल रकम का 100 प्रतिशत लौटाने की पेशकश करता हूं। कृपया इसे स्वीकार करें।"