लखनऊ। सीतापुर जेल में बंद उन्नाव रेप मामले के आरोपी पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के गांव में पुरूषों ने घर छोड़ना शुरू कर दिया है। सीबीआई टीम के पहुंचने के बाद मांझी गांव में महज घरों में महिलाएं और बुजुर्ग ही दिखाई दे रहे हैं। लोगों में इस बात का खौफ है कि सीबीआई उनसे पूछताछ कर सकती है।

रविवार को ही सीबीआई की टीम ने उन्नाव में कुलदीप सिंह सेंगर के भाई बहन समेत कई रिश्तेदारों के वहां पर छापा मारा। इस दौरान सीबीआई ने कई दस्तावेज भी बरामद किए। वहीं सीबीआई की टीम ने कई ग्रुप बनाकर गांव वालों से पूछताछ भी की। लेकिन अब गांव वाले सीबीआई के खौफ के कारण गांव को छोड़ रहे हैं।

खासतौर से पुरूषों ने गांव को छोड़ दिया है। क्योंकि सभी को लगता है कि कि सीबीआई भी उनसे पूछताछ कर सकती है। जबकि रहना सबके साथ गांव में ही है। अगर पूछताछ में कुछ निकल गया तो विधायक के गुर्गे गांव में जीना हराम कर देंगे।

सीबीआई के दस्तक देते ही तमाम पुरुषों ने घर छोड़ दिया। वह सीबीआई पूछताछ के झंझट में नहीं पड़ना चाहते। घरों में सिर्फ महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग ही दिखाई दे रहे हैं और गांव में सीबीआई की छानबीन के दौरान खामोशी पसरी रही।

गांवों वालों का दबी जुबान कहना है कि विधायक और पीड़िता के परिवार की रंजिश है और वो इस झमेले में नहीं पड़ना चाहते हैं। सीबीआई की टीम ने गांव में डेरा डाला हुआ था और वह बीच रास्ते से गुजर रहे ग्रामीणों को रोककर भी पूछताछ कर रही थी। लिहाजा सीबीआई से बचने के लिए पुरूषों ने गांव को छोड़ दिया है।

गौरतलब है कि उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर रेप के आरोप में जेल में बंद हैं और पिछले दिनों रेप पीडिता के एक्सीडेंट के मामले में भी सीबीआई ने उन पर मर्डर का केस दर्ज किया है। जिसके बाद उनकी मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सुनावाई चल रही है।