पुलवामा आतंकवादी हमले को लेकर हुए व्यापक प्रदर्शन तथा पथराव एवं आगजनी की घटनाओं के बाद जम्मू शहर में शुक्रवार को कर्फ्यू लगा दिया गया और सेना ने संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए।

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू में ऐहतियाती उपाय के तौर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। शहर में बंद के दौरान क्रुद्ध लोंगों ने कर्फ्यू को तोड़ते हुए इस आतंकवादी हमले के खिलाफ रैलियां निकाली। पुलिस को रेजीडेंसी रोड, काची छावनी और डोगरा हॉल क्षेत्रों में लोगों को तितर बितर करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा।

गुज्जर नगर इलाके में पांच वाहनों में आग लगा दी गयी जबकि प्रदर्शनकारियों ने कई अन्य वाहनों को पलट दिया। प्रदर्शनकारियों कहना था कि जब वे हमले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे उस दौरान छतों से उन पर पथराव किया गया। अधिकारियों ने बताया कि सांप्रदायिक झगड़ों की आशंका के चलते जम्मू शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया।

संभागीय आयुक्त संजय वर्मा ने बताया कि प्रशासन ने सेना की मदद मांगी गयी । सेना ने गुज्जर नगर एवं शहीद चौक इलाकों में फ्लैग मार्च किया। 
वर्मा ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं।

खबरों के अनुसार, हिंसा तब भड़क उठी जब गुज्जर नगर इलाके में रैली निकाली गई तथा कुछ लोगों ने छत से प्रदर्शनकारियों पर ईंटें फेंकी। 
छतों से किए जाने वाले पथराव और वाहनों को जलाए जाने के कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। 

पुलिस आनन फानन में मौके पर पहुंची तथा क्रुद्ध भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस का प्रयोग किया गया और लाठियां चलाई गईं।

जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जेसीसीआई) ने आतंकवादी हमले का विरोध करते हुए जम्मू में बंद का आह्वान किया था। सड़क पर यातायात नहीं चल रहा था तथा बाजार में दुकानों को बंद रखा गया था।


जम्मू शहर में ज्वैल चौक, पुरानी मंडी, रेहारी, शक्तिनगर, पक्का डंगा, जानीपुर, गांधीनगर और बक्शीनगर समेत दर्जनों स्थानों पर लोगों ने पाकिस्तान के विरोध में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किए। जम्मू के पुलिस उपायुक्त रमेश कुमार ने कहा, ‘हमने एहतियाती कदम के तौर पर जम्मू शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया है।’ 

अधिकारियों के अनुसार, जम्मू शहर पूरी तरह बंद है और सड़कों पर कोई वाहन नहीं है। सभी दुकानें और बाजार बंद हैं। पाकिस्तान विरोधी, आतंकवादी विरोधी नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने कई सड़कों पर टायर फूंके। प्रदर्शनकारियों ने बदले की मांग करते हुए सड़कों को अवरुद्ध कर दिया।

बजरंग दल, शिवसेना और डोगरा फ्रंट के नेतृत्व में लोगों ने शहर में कैंडल मार्च निकाला और पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन किए। पुलवामा हमले का विरोध करते हुए जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार संघ ने उच्च न्यायालय और अधिकरणों समेत जम्मू में सभी अदालतों में काम स्थगित कर दिया।

जम्मू-कश्मीर को तीन भागों में बांटने की पैरवी करते रहे संगठन ने पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित की। संगठन के संस्थापक हरिओम ने कहा कि राज्य की स्थिति बहुत चिंताजनक हो गयी है। उन्होंने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों पर बरसते हुए मांग की कि उनकी सुरक्षा हटा ली जानी चाहिए क्योंकि वे मुख्यधारा की राजनीति की आड़ में नरम अलगाववाद को आगे बढ़ा रहे हैं।