सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत इस साल दिसंबर में रिटायर हो रहे हैं। उनके प्रधानमंत्री के रिश्तों और उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए ऐसा माना जा रहा कि इस पद की दौड़ में वह सबसे आगे हैं और इसके साथ ही सबसे ज्यादा सीनियर मिलिट्री कमांडर होने के कारण उसकी दावेदारी सबसे प्रबल मानी जा रही है।
नई दिल्ली। सेनाध्यक्ष विपिन रावत देश के अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हो सकते हैं। इस बात की चर्चा सत्ता के गलियारों में तेजी से चल रही है। गुरुवार को ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी सीडीएस के नए पद का ऐलान किया है। इस पद को सृजित करने के लिए पिछले 19 साल से मांग की जा रही थी और हर सरकार इसे टाल देती थी।
मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रियाओं के लिए एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया जा चुका है और जल्द ही इस पर फैसला किया जाएगा। इस कमेटी में रक्षा सचिव, चीफ ऑफ इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ टू द चेयरमैन स्टाफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के साथ ही अन्य सदस्य शामिल होंगे और ये कमेटी नवंबर में अपनी रिपोर्ट देगी।
जबकि सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत इस साल दिसंबर में रिटायर हो रहे हैं। उनके प्रधानमंत्री के रिश्तों और उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए ऐसा माना जा रहा कि इस पद की दौड़ में वह सबसे आगे हैं और इसके साथ ही सबसे ज्यादा सीनियर मिलिट्री कमांडर होने के कारण उसकी दावेदारी सबसे प्रबल मानी जा रही है।
यही नहीं मोदी सरकार के कार्यकाल में अभी तक जितने भी बड़े एक्शन आतंकियों और दुश्मन देशों के खिलाफ लिए गए वह विपिन रावत की अगुवाई में ही अंजाम दिए गए हैं। पिछले दिनों ही विपिन रावत ने ये कहा कर सबको चौंका दिया था कि पीओके और अक्साई चीन भी हमारा है ये फैसला सरकार को करना है वह हमें कैसे मिले और वह आदेश के इंतजार में हैं।
फिलहाल कई ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब मिलना बाकी है। मसलन सीडीएस तीनों सेना प्रमुखों के ऊपर होगा और उसका कार्यकाल किस तरह के होगा। आम तौर पर कैबिनेट सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी और डिफेंस सेक्रटरी का कार्यकाल अन्य सचिवों के कार्यकाल से दो साल अतिरिक्त किया है। क्या इसके लिए भी ऐसा ही कुछ किया जाएगा जो इस पद पर नियुक्त होगा वह साठ की जगह पर 62 साल के लिए इस पद पर नियुक्त होगा।
क्या होता है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
देश में चीफ ऑफ स्टाफ का पद वर्तमान में है। हालांकि तीन सेनाओं के प्रमुखों की एक कमेटी होती है और इसमें सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुख रहते हैं। जो भी सबसे वरिष्ठ सदस्य होता है वह इसकी अध्यक्षता करता है। उसी आधार पर ये वरिष्ठतम सदस्य को रोटेशन के आधार पर रिटायरमेंट तक दिया जाता है। करगिल की लड़ाई के बाद एक हाई लेवल कमेटी ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त करने की सिफारिश की थी। इसके बाद 2012 में नरेश चंद्र टास्क फोर्स ने भी स्थायी चेयरमैन की सिफारिश की थी।
Last Updated Aug 16, 2019, 8:25 AM IST