नेशनल डेस्क। भारत आज अपना 77वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। हर कोई देशभक्ति के रंग में सराबोर है। इससे पहले लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया और कई अहम संदेश दिए। इन्ही में से एक है विश्वकर्मा योजना। प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि आने वाली विश्वकर्मा जयंती के मौके पर देश के गरीब कामगाारों के लिए विश्वकर्मा योजना लॉन्च की जाएगी। इस योजना के तहत देश के पारंपरिक कामगार जैसे, बढ़ई, लोहार, कारपेंटर, बाल काटने वाले, सुनार और कपड़ा धोने वालों को लाभ मिलेगा। सरकार योजना के तहत अलग-अलग पारंपरिक काम करने वालों को औजार मुहैया कराएगी। 

आखिर क्या है विश्वकर्मा योजना ?

इस साल पेश हुए बजट के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतरमण ने विश्वकर्मा योजना पर चर्च की थी। वहीं लाल किले से पीएम मोदी ने भी कहा कि अगली विश्वकर्मा जयंती के मौके पर 15 हजार करोड़ रुपए से इस योजना की शुरुआत की जाएगी। साथ ही योजना के तहत आर्थिक मदद दी जाएगी और ट्रेनिंग का अवसर भी मिलेगा। ट्रेनिंग के लिए मॉर्डन तकनीक, ग्रीन तकनीक, ब्रांड प्रमोशन के साथ हुनरमंद लोगों को उनके कौशल के हिसाब से सरकार औजार उपलब्ध कराएगी। 

विश्वकर्मा योजना के क्या होंगे लाभ ?

सरकार द्वारा 15 हजार करोड़ रुपए से योजना शुरू की जाएगी। इससे कामगारों को आर्थिक सहयोग मिलेगा। कामगारों में एडवांस स्किल डेवलप होगी। पेपरलेस पेमेंट के तरीकें बताए जाएंगे। इससे बढ़ई, लोहार, सुनार आदि कोफायदा होगा। इसके साथ ही पारंपरिक कार्यों को भी बढ़ावा मिलेगा। 

जनता को दी पीएम मोदी ने गारंटी 

पीएम मोदी ने आने वाले पांच सालों के लिए जनता को गारंटी दी है कि देश दुनिया की सबसे शक्तिशाली तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा। कहा कि गरीबी से बाहर आए 13.5 लोग मध्यमवर्ग की शक्ति बन रहे हैं। जब गांव की शक्ति बढ़ती है तो शहरों की आर्थिक अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती है। हम दोनों को साथ लेकर चलना है। 

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