राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल द्वारा कारवां पत्रिका के खिलाफ दायर की गई मानहानि याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश, पत्रिका के संपादक, प्रकाशक और रिपोर्ट लिखने वाले पत्रकार को समन जारी कर 25 अप्रैल को पेश होने का आदेश दिया है। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने यह आदेश दिया है। 

मामले की सुनवाई के दौरान डोभाल के मित्र निखिल कपूर और कारोबारी सहयोगी अमित शर्मा का बयान दर्ज हुआ था।विवेक डोभाल ने कारवां में निराधार लेख प्रकाशित किए जाने और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश द्वारा इसका मीडिया में झूठे आरोप लगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने को लेकर यह याचिका दायर की है। इससे पहले 30 जनवरी को विवेक डोभाल ने मानहानि मामले में अदालत में अपना बयान दर्ज करवाया था। विवेक ने कहा था कि पत्रिका द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार और झूठे हैं। इनसे परिवार के सदस्यों और पेशेवर सहकर्मियों के बीच उनकी छवि खराब हुई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रिका के इन आरोपों को दोहराया था।  

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कारवां पत्रिका ने 16 जनवरी को ‘द डी कंपनी’ शीर्षक वाले ऑनलाइन लेख में कहा था कि विवेक डोभाल  'केमन द्वीप समूह में हेज फंड चलाते हैं।' यह द्वीप समूह कालेधन को ठिकाने लगाने का स्थापित सुरक्षित ठिकाना है। पत्रिका का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 2016 में 500 और हजार रुपये के नोट बंद किए जाने के महज 13 दिन बाद पंजीकृत की गई थी। शिकायत के मुताबिक, जयराम रमेश ने 17 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन कर लेख में दिए गए निराधार और निर्मूल तथ्यों पर जोर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि लेख के तथ्यों में उन्हें लेकर कोई वैधानिकता नहीं है लेकिन पूरा विवरण कुछ इस तरह से दिया गया जो पाठकों को गलत होने का संकेत देता है।

इससे पहले विवेक ने कोर्ट से कहा था, 'मैं ब्रिटेन का नागरिक हूं और मुझे इस बात पर बहुत गर्व है कि मैं ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया हूं। 2001 में मैंने अपना करियर शुरू किया। मैंने फाइनेंस से संबंधित प्रोफेशनल कोर्स किया है।  2014 में मेरी कंपनी ब्रिटिश एयरवेज ने मुझे कोर्स करने के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी भेजा था। 16 जनवरी 2019 को मैं अपने काम से दोहा जा रहा था तब मुझे मेरे भाई द्वारा फोन पर बताया कि गया कि किसी मैगजीन में मेरे और परिवार के संबंध में खबर छपी है। 17 जनवरी 2019 को मैं वापस आया। मेरे पिता ने मुझे वो लेख दिखाया और पूछा कि आप इस अर्टिकल के बारे में क्या कहेंगे। मुझे उस समय काफी धक्का लगा। मैं अपने पिता को हीरो मानता हूं और वो मुझसे सवाल पूछ रहे हैं?  मेरी वजह से उन्हें धक्का, ठेस पहुंची। जब मैंने पूरा लेख पढ़ा तो यह गलत और आधारहीन था। आर्टिकल का शीर्षक था 'द डी कंपनी।' फोटो में पिता बीच में और मैं तथा मेरा भाई दाएं-बाएं। लेख में हमें 'डी कंपनी' बताया गया। पूरे देश को मालूम है कि 'डी कंपनी' अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम को बोला जाता है। हमें देश विरोधी और भ्रष्ट बोला गया।' 

विवेक ने कोर्ट से कहा, मानहानि केवल लेख से नहीं हुई, बल्कि 17 जनवरी 2019 को ही मुझे मालूम चला कि कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्लेटफार्म पर हुआ। मैंने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को तकरीबन 30 बार देखा। इंडियन नेशनल कांग्रेस की वेबसाइट से हमने प्रेस कॉन्फ्रेंस की ट्रांसक्रिप्शन भी ली। इसे मैंने यू-ट्यूब से डाउनलोड किया था।