प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बायोपिक बीते कुछ महीनों से विवाद के केन्द्र में रही. पहले जहां चुनाव प्रचार के दौरान फिल्म की रिलीज को लेकर विवाद उठा और चुनाव आयोग ने पोलिंग तक फिल्म की रिलीज को टाल दिया। हालांकि यह विवाद टल गया और अब फिल्म 24 मई को रिलीज के लिए तैयार है। लेकिन ऐसा नहीं कि फिल्म के इर्दगिर्द विवाद खत्म हो गया। पीएम नरेन्द्र मोदी बायोपिक एक बार फिर विवादों में पड़ गई है। 

इस बार नया विवाद सीधे तौर पर फिल्म पर नहीं है। बल्कि मामला उससे भी अधिक गंभीर है। फिल्म में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भूमिका अदा कर रहे एक्टर विवेक ओबरॉय ने अपने एक ट्वीट से दावा किया है कि देश में एग्जिट पोल के नतीजे भले एक बार फिर मोदी सरकार बनने का संकेत दे रहे हैं, लेकिन ओबरॉय का मानना है कि एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल से इतर देश में मोदी सरकार नहीं बनने जा रही है।

फिल्म पर विवेक ओबरॉय ने सिर्फ यही विवाद नहीं खड़ा किया। विवेक ओबरॉय ने सोशल मीडिया पर सस्ती लोकप्रियता बटोरने के लिए तीन अन्य लोगों की छवि पर भी गहरा आघात पहुंचाने का काम किया है। जहां सोशल मीडिया पर विवेक की लोकप्रियता बटोरने की कोशिश बैकफायर कर रही है वहीं माना जा रहा है कि विवेक के इस कदम से नरेन्द्र मोदी की बायोपिक की छवि धूमिल होने के साथ-साथ बॉलीवुड कलाकार सलमान खान, अभिषेक बच्चन और एश्वर्या राय को अपमानित करने का काम किया है।

सस्ती पबलीसीटी के चक्कर में विवेक ओबेरॉय कर गए गंदी हरकत

इस ट्वीट के जरिए विवेक ने एश्वर्या राय की जिंदगी को चुनाव के ओपिनिय पोल, एग्जिट पोल और रिजल्ट के तौर पर पेश करने की कोशिश की। एश्वर्या से खराब संबंधों के चलते विवेक ने दिखाने की कोशिश की कि एश्वर्या राय सलमान खान की जिंदगी में ओपिनियल पोल की तरह रहीं तो उनकी जिंदगी में वह एग्जिट पोल जैसी थीं।

विवेक का इशारा है कि एश्वर्या राय को उनके और सलमान खान के जीवन में भरोसे के लायक नहीं समझा जा सकता क्योंकि यह जरूरी नहीं कि ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल सटीक बैठें। अंत में अभिषेक बच्चन और बेटी आराध्या के साथ बने मीम को शेयर करते हुए विवेक ने तंज कसा कि इस रिश्ते की तरह एश्वर्या राय की तरह चुनाव का भी अंतिम नतीजा ऐसा होगा।

यह कोई पहला मौका नहीं है कि विवेक ओबराय ने कोई विवादित बयान दिया हो या व्यवहार किया हो। विवेक की बीते वर्षों के दौरान एश्वर्या राय से संबंधित बयान देने और अनुचित व्यवहार करने के लिए कई बार आलोचना हो चुकी है। लेकिन अब यह वाक्या साफ दिखाता है कि विवेक रियल लाइफ में हीरो नहीं हो सकते, वहीं सवाल खड़ा होता है कि क्या पीएम मोदी की बायोपिक में वह अपने किरदार के साथ न्याय कर पाए हैं।