कोलकाता। पश्चिम बंगाल में राज्यपाल और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच विवाद फिर छिड़ गया है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि केन्द्र सरकार ने राज्य को राशन भेजा है और राज्य सरकार इस राशन को गरीबों के बीच वितरित नहीं कर सकी है।

राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र सरकार ने राज्य को अब तक लगभग 4,78,000 मीट्रिक टन मुफ्त चावल और 10,800 मीट्रिक टन मुफ्त दालें भेजी हैं और केन्द्र सरकार ने ये राशन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत भेजा है। लेकिन राज्य सरकार ने इस राशन  को गरीबों के बीच में वितरित नहीं किया है। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में पीडीएस में घोटाले हुए हैं। लिहाजा राज्यपाल ने इसलिए राज्य  की टीएमसी सरकार पर निशाना साधा है।  उन्होंने कहा कि पीडीएस को राजनीतिक पिंजरे से बाहर निकालने की जरूरत है और अधिकारियों को गैर राजनीतिक रूप से कार्य करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गरीबों को मुफ्त में राशन वितरित करे। उन्होंने कहा कि केन्द्र ने कोरोना संकट के बीच राज्य सरकार को वितरित करने के लिए  4,78,000 मीट्रिक टन मुफ्त चावल और 10,800 मीट्रिक टन मुफ्त दालें भेजी हैं और ये राज्य की जनता के पास नहीं पहुंचा है। राज्यपाल ने परोक्ष तौर से राज्य सरकार पर राशन घोटाले का आरोप लगाया। केंद्र सरकार से प्रति माह 5 किलो चावल और प्रति माह 1 किलोग्राम दाल प्रति परिवार केन्द्र सरकार की योजना के तहत राज्य को उपलब्ध कराती है। लेकिन राज्य में जनता को ये राशन नहीं मिल रहा है।

 

असल में पिछले कुछ समय से राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच शब्दों का युद्ध छिड़ा हुआ है। राज्य सरकार का कहना है कि राज्यपाल संवैधानिक पद की गरिमा को गिरा रहे हैं।  जबकि राज्यपाल सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह तृष्टिकरण कर रही है। कुछ महीने पहले राज्य सरकार ने राज्यपाल के साथ विवाद के बाद उन्हें सरकार विमान को देने से मना कर दिया था।  जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था।  हालांकि बाद में ममता बनर्जी और राज्यपाल के बीच रिश्तों में नरमी आई थी और राज्य में बजट सत्र में राज्य सरकार के बयान को पढ़ा था।