केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, व्यास, रावी और सतलुज नदियों के पानी का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर, पंजाब के अलावा वॉटरवे विकसित करने और यमुना नदी में जल का प्रवाह बढ़ाने के लिए होगा।
पुलवामा हमले के बाद से भारत आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान पर हर तरफ से दबाव बढ़ा रहा है। पाकिस्तान को घेरने के लिए आर्थिक, कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कई कदम उठाए गए हैं। इस बीच, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत आने वाले दिनों में पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति पूरी तरह रोक देगा। इस संबंध में फैसला लिया जा चुका है। लंबे समय से सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तानी को मिलने वाले पानी पर रोक लगाने की मांग की जा रही थी। व्यास, रावी और सतलुज नदियों का पानी भारत से होकर पाकिस्तान पहुंचता है।
गडकरी ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हमारी सरकार ने फैसला किया है कि पाकिस्तान को जा रहा हमारे हिस्से का पानी रोक दिया जाएगा। हम पूर्वी नदियों के पानी की आपूर्ति जम्मू-कश्मीर एवं पंजाब के लोगों के लिए करेंगे।
Under the leadership of Hon'ble PM Sri @narendramodi ji, Our Govt. has decided to stop our share of water which used to flow to Pakistan. We will divert water from Eastern rivers and supply it to our people in Jammu and Kashmir and Punjab.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) February 21, 2019
एक अन्य ट्वीट में गडकरी ने कहा, रावी नदी पर शाहपुर-कंडी में बांध का काम शुरू हो चुका है। उझ परियोजना से हमारे हिस्से के पानी का जम्मू-कश्मीर में इस्तेमाल किया जाएगा और शेष पानी को दूसरी रावी-व्यास लिंक से अन्य बेसिन राज्यों को पहुंचाया जाएगा। सभी प्रोजेक्टों को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर दिया गया है।
The construction of dam has started at Shahpur- Kandi on Ravi river. Moreover, UJH project will store our share of water for use in J&K and the balance water will flow from 2nd Ravi-BEAS Link to provide water to other basin states.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) February 21, 2019
इससे पहले, बुधवार को उत्तर प्रदेश के बागपत में गडकरी ने इसका संकेत दिया था।
Union Minister Nitin Gadkari in Baghpat yesterday: The water from our 3 rivers was going to Pakistan, now we are planning to build a project and divert the water from these three rivers into Yamuna river. Once this happens, river Yamuna will have more water. pic.twitter.com/L0yA6y0KDb
— ANI UP (@ANINewsUP) February 21, 2019
बागपत में रैली को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा था कि 'पाकिस्तान को दिए जाने वाली तीन नदियों के पानी को भारत रोक देगा। भारत के इस कदम से पाकिस्तान पानी की बूंद-बूंद पानी के लिए तरसेगा। इस पानी से यमुना का जल प्रवाह बढ़ाया जाएगा। इसके लिए एक परियोजना पर काम चल रहा है। पाकिस्तान को जाने वाली व्यास, रावी और सतलुज नदियों को जोड़ा जाएगा और इनमें सामान ले जाने के लिए वॉटरवे विकसित किया जाएगा।'
गडकरी ने कहा, 'जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था, तीन नदियां भारत और तीन नदियां पाकिस्तान के हिस्से में आई थीं। इसके बाद भी भारत ने अपने हिस्से में आई तीन नदियों का पानी पाकिस्तान को जाने दिया। लेकिन अब हम इन नदियों का पानी यमुना का जल प्रवाह बढ़ाने के लिए करेंगे। इसके लिए यमुना प्रोजेक्ट का इस्तेमाल किया जाएगा।'
भारत सरकार ने 2016 में उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद इस प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने का फैसला किया था। मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री का यह बयान पाकिस्तान से तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा छीन लिए जाने के बाद आया है। भारत में पुलवामा हमले के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज होती जा रही है। पाकिस्तान के क्रिकेट विश्व कप में खेलने पर टीम इंडिया के टूर्नामेंट से हटने की मांग तक की जा रही है। इस बीच भारत ने पाकिस्तान से आयात होने वाला सामान पर 200% का आयात शुल्क लगा दिया है। इस फैसले के बाद से पाकिस्तान का सामान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अटक गया है।
क्या है सिंधू जल समझौता
भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि पर 19 सितंबर 1960 को हस्ताक्षर हुए थे। भारत की ओर से इस समझौते पर पीएम जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान की ओर से राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे। दोनों देशों के बीच यह संधि विश्व बैंक के हस्तक्षेप से हुई थीं। इस समझौते के तहत सिंधु नदी घाटी की नदियों को पूर्वी और पश्चिमी नदियों में बांटा गया। समझौते के मुताबिक झेलम और चेनाब नदियों (पश्चिमी नदियों) के पानी को पाकिस्तान के लिए दिया गया, जबकि रावी, ब्यास और सतलज नदियों (पूर्वी नदियों) का पानी भारत के लिए तय किया गया।
Last Updated Feb 21, 2019, 7:01 PM IST