पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी से सीधी सियासी लड़ाई के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तृणमूल कांग्रेस पर करारा प्रहार किया। पीएम ने दुर्गापुर में एक रैली में टीएमसी पर राज्य के मध्य आय वर्ग के लोगों की आकांक्षाओं की हत्या करने का आरोप लगाया। पीएम ने कहा, पश्चिम बंगाल की सत्तारुढ़ पार्टी तीन ‘टी’-तृणमूल टोलाबाजी टैक्स के लिए जानी जाती है। स्थानीय बोलचाल में टोलाबजी का मतलब संगठित तरीके से जबरन वसूली का अपराध होता है। 

मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए यह आरोप भी लगाया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोकतंत्र को कुचलने के लिए पिछली कम्युनिस्ट सरकार के रास्ते पर चल रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें पता होना चाहिए कि यह तब भी काम नहीं आया था और अब भी काम नहीं आएगा। उन्होंने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस लोगों के सपनों को कुचल रही है लेकिन केंद्र उनके सपनों को पूरा करेगा।’  

ठाकुरनगर के बाद दुर्गापुर में रैली करने के बाद पीएम ने ममता बनर्जी सरकार पर भ्रष्टाचार और गरीब एवं विकास विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, इस बार ममता बनर्जी सरकार को जाना होगा। पीएम ने कहा, 'मैं यहां लोगों की अपार भीड़ देख रहा हूं। बंगाल राजनीतिक बदलाव के लिए तैयार है।' यहां की जनता ममता शासन को उखाड़ फेंकेगी।

पीएम ने कहा, मैं एक बार दिल्ली में बैठा सोच रहा था कि दीदी खुद भी वाम शासन के दौरान इसकी शिकार रही हैं। उन्होंने लोकतंत्र को कुचलते हुए देखा है। मैं सोचता था वह इस राह पर कभी नहीं जाएंगी। लेकिन अब लगता है कि वह बदल गई हैं। आपका हमें मिल रहा प्यार देखकर उन्हें लगता है कि वह वामदलों के हथकंडे अपनाकर लोकतंत्र और लोगों को कुचल सकती हैं तथा खुद को बचा सकती हैं। बंगाल की प्रकृति को दबाने में वामदल भी नाकाम हुए, टीएमसी भी होगी।  

पीएम ने कहा कि टीएमसी का काडर हर तरह की हिंसा करने के लिए आजाद है। यही नहीं अधिकारी भी उनकी ही तरफ हैं। मैं दावा करता हूं कि दीदी को सत्ता से जाना पड़ेगा। बंगाल के लोग इस तरह के हालात को बहुत समय तक बर्दाश्त नहीं करेंगे। 

पीएम मोदी ने कहा, मुझे जो पानी पी-पीकर कोसा जाता है, उसकी वजह है कि मैं कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर रहा हूं। ये लोग इतना बौखला गए हैं कि जांच एजेंसियों को बंगाल आने से मना कर रहे हैं। दीदी अगर कुछ गलत नहीं किया है, तो डरने की क्या जरूरत है? पीएम ने रैली में उन्हें सुनने पहुंचे लोगों से पूछा, 'क्या कालाधन और भ्रष्टाचार को जड़ से नहीं उखाड़ा जाना चाहिए।  क्या मैं पूरी ताकत और ईमानदारी से भ्रष्टाचार और कालेधन से नहीं लड़ रहा हूं।' इसका जवाब उन्हें 'हां-हां' के नारों से मिला।


प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में पेश अंतरिम बजट भाजपा सरकार की ‘सबका साथ सबका विकास’ नीति का परिचायक है। मोदी ने आयकर छूट, बैंक सावधि पर टीडीएस, द्वितीय संपत्ति से कमाई जैसे विषयों पर भी अपनी बात रखी और कहा कि इनसे भी मध्यवर्ग लाभान्वित होगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्य के लिए पिछले साढ़े चार सालों में 90,000 करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं मंजूर की हैं लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने उन्हें लागू करने में कोई दिलचस्पी नहीं ली, क्योंकि वह ‘सिंडीकेट’ के लिए हिस्सा चाहती है।

उन्होंने कहा, ‘जहां कहीं भी सिंडिकेट के लिए हिस्सा नहीं होता है....जहां कोई मलाई नहीं होती है, वहां तृणमूल कांग्रेस विकास परियोजनाएं शुरु करने में कोई दिलचस्पी नहीं लेती है।’ 

उन्होंने कहा, ‘स्कूलों और कॉलेजों में दाखिले से लेकर शैक्षणिक संस्थानों में नौकरियों और अन्यत्र भी व्यक्ति को काम कराने के लिए ‘तीन टी’ का भुगतान करना होता है। लेकिन ऐसा हमेशा नहीं चल सकता।’ 

मोदी ने कहा, ‘हम राज्य के लोगों को जगाई मधाई, तृणमूल कांग्रेस के सिंडीकेट राज से मुक्त कराने के लिए पूरी तरह उनके साथ हैं।’  16 वीं सदी में जगाई और मधाई दो भाई थे जो शुरु में संत श्री चैतन्य महाप्रभु के विरुद्ध थे लेकिन बाद में वे उनके कट्टर अनुयायी हो गए।

तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ हिंसक टकराव के बीच भाजपा कार्यकर्ताओं की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा क्योंकि तृणमूल सरकार के दिन गिनती के रह गए हैं।