एक दिन पहले ही राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशासन और पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रवासियों के प्रति संवेदनशील होने के लिए कहा है और उन्होंने कहा था कि कहा कि एक भी प्रवासी भूखा नहीं रहना चाहिए। लेकिन टीएमसी सांसद ने गैरजिम्मेदाराना बयान देकर पार्टी को मुसीबत में ला दिया है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में दामाद को लेकर सियासत गर्मा गई है। राज्य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की सासंद सतबदी रॉय ने प्रवासियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। राय ने प्रवासियों को लेकर कहा कि राज्य में बाहर से आने वाले प्रवासियों को दामाद की ट्रीटमेंट नहीं दिया जा सकता है। जिसके बाद राज्य की सियायत गर्मा गई है। क्योंकि राज्य की मुख्यमंत्री अगले साल होने वाले चुनाव के लिए प्रवासियों को खुश करने में जुटी हैं। वहीं टीएमसी सांसद के बयान आने के बाद भाजपा ने सीएम ममता बनर्जी और सांसद पर निशाना साधा है।
एक दिन पहले ही राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशासन और पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रवासियों के प्रति संवेदनशील होने के लिए कहा है और उन्होंने कहा था कि कहा कि एक भी प्रवासी भूखा नहीं रहना चाहिए। लेकिन टीएमसी सांसद ने गैरजिम्मेदाराना बयान देकर पार्टी को मुसीबत में ला दिया है। उन्होंने कहा कि प्रवासियों और कामगारों का उपचार दामाद की तरह नहीं किया जा सकता है। फिलहाल इस मामले पर अब पार्टी बैकफुट पर आ गई है और इसके बाद राजनैतिक विवाद खड़ा हो गया है। रॉय ने प्रवासियों और मजदूरों को लेकर कहा कि अगर मछली की मांग पूरी की जाती है तो वे मटन या अंडे की मांग करते हैं तो क्या किया जा सकता है। ये लोग जो इतने समय बाद लौट रहे हैं। सरकार को परेशान कर रहे हैं। वे जल्दी घर लौटना चाहते हैं।
असल में राज्य सरकार ने महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और दिल्ली से आने वाले प्रवासियों के लिए 14 दिनों के क्वारंटिन निर्धारित किया है। फिलहाल टीएमसी सांसद के इस बयान के पार्टी बैकफुट पर आ गई है और इसको लेकर भाजपा ने टीएमसी पर निशाना साधा है। भाजपा के राज्य ईकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि टीएमसी सांसद का ये बयान बेतुका है। प्रवासी हमारे अपने लोग हैं और वह अपने घर नहीं जाएंगे तो कहां जाएंगे। कोरोना संकट के दौर में टीएमसी सांसद इस तरह का बयान दे रही हैं और इससे पार्टी की सोच का पता चलता है।
Last Updated Jun 7, 2020, 8:46 AM IST