देश भर में #MeToo अभियान के तहत हो रहे नए खुलासों के बीच लेखक चेतन भगत ने अपने ऊपर लगे आरोपों का 'सबूतों' के साथ जवाब दिया है। साथ ही इस अभियान को गंदा बताते हुए अनुरोध किया कि 'लोग इस आंदोलन पर विश्वास न करें।' लेखिका और पत्रकार इरा त्रिवेदी ने चेतन पर जबरन किस करने के आरोप लगाए थे। 

चेतन ने इरा के ई-मेल का स्क्रीनशाट शेयर किया है। इसके आखिर में ईरा ने 'मिस यू किस यू' लिखा है। इसके साथ ही चेतन भगत ने ट्वीट करते हुए लिखा- 'तो कौन किसे चूमना चाहता था? इरा त्रिवेदी का खुद से सबकुछ कहने वाला 2013 का ईमेल, जो उन्होंने मुझे भेजा था। खासकर आखिरी वाक्य, ये दिखाता है कि उनका 2010 का दावा गलत है। यह उन्हें भी मालूम है। मेरे और मेरे परिवार के साथ मानसिक प्रताड़ना रुकनी चाहिए। कृपया गलत आरोपों से आंदोलन को क्षति न पहुंचाइए।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'एक व्यक्ति की प्रतिष्ठा उसके लिए सबसे अधिक मूल्यवान है जो कि जीवन भर काम आती है। मुझ पर फर्जी आरोप लगाना शर्मनाक है। यह चीज एक व्यक्ति को कमजोर कर सकती है।'

इरा ने चेतन पर आरोप लगाते हुए लिखा था, 'मैं करीब 10 साल पहले चेतन भगत से जयपुर लिटरेचर फेस्ट में मिली थी। वह इस कार्यक्रम में तीन देवियां नाम के एक पैनल का संचालन कर रहे थे। मैं उस पैनल का हिस्सा थी। चेतन उस वक्त अपने उपन्यासों के कारण स्टार थे और मैं उनके साथ मंच साझा करने में नवर्स हो रही थी। बातचीत के दौरान उन्होंने मुझसे पूछा- किसी बुक लांच के दौरान जब कोई मर्द तुम्हारे नजदीक आने की कोशिश (ट्राई मारने) करता है, तो तुम क्या करती हो?'

उस वक्त मैंने जवाब दिया, 'मैं उसे कहती हूं कि अगर वो मेरी किताब की 100 कॉपियां खरीद ले तो मैं उसे किस कर लूंगी और अगर वो सारी कॉपियां खरीद ले तो मैं उससे शादी भी कर लूंगी।' इरा ने लिखा, 'मैं सिर्फ 22 साल की थी और मुझे लगता था कि मैंने काफी होशियारी और बहादुरी से जवाब दिया था। मगर इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं था कि मैंने किसी को ऐसा करने की इजाजत दे दी थी।'

वह आगे लिखती हैं, 'कुछ हफ्ते बाद चेतन भगत ने मुझे दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में चाय पर बुलाया और मुझे लगता था कि ये दो लेखकों को मिलने के लिए खराब जगह नहीं है। चेतन ने मुझे अपने कमरे में आने को कहा, मगर मैंने जोर दिया कि हम टी-रूम में ही मिलते हैं। चाय पीने के बाद चेतन ने मुझे उनके रूम चलने के लिए कहा, जहां वो मुझे अपने उपन्यास की साइन की हुई कॉपी देने वाले थे। जैसे ही मैं उनके रूम में दाखिल हुई, चेतन ने मेरे होठों पर किस करने की कोशिश की। मैं एकदम से हट गई और इस पर मैं थोड़ी हंसी, क्योंकि मुझे समझ ही नहीं आया कि मैं क्या करूं और इस पर कैसे प्रतिक्रिया दूं। मैंने उनसे पूछा कि वो ये क्या करने की कोशिश कर रहे थे, इस पर चेतन ने बिना किसी हिचकिचाहट और अधिकार भाव से कहा कि उन्होंने मेरी किताब की 100 कॉपियां खरीद ली हैं और पुणे की एक लाइब्रेरी को दान कर दी हैं। इसलिए वो अब हक से किस ले सकते हैं।'