देश की नौकरशाही में सबसे ज्यादा ताकतवर माने जाने वाले कैबिनेट सेक्रटरी के पद पर अब कौन नियुक्त होगा। इसके लिए नौकरशाहों के बीच चर्चा बनी हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि नए कैबिनेट सेक्रटरी की नियुक्ति 23 मई के बाद केन्द्र में बनने वाली नई सरकार ही करेगी। फिलहाल कैबिनेट सेक्रेटरी की दौड़ में 1982 बैच के तीन आईएएस राजीव गौबा, अरूणा सुंदरराजन और अविनाश कुमार श्रीवास्तव का नाम सबसे आगे चल रहा है। हालांकि इस बैच के आधा दर्जन आईएएस अभी केन्द्र सरकार में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यूपी कैडर के अविनाश कुमार श्रीवास्तव के पास अन्य आईएएस अफसरों की तुलना में रिटायर होने में सबसे ज्यादा समय है। श्रीवास्तव अगले साल जनवरी में रिटायर होंगे।

असल में मौजूदा कैबिनेट सेक्रेटरी प्रमोद कुमार सिन्हा अगले महीने रिटायर हो रहे हैं। सिन्हा 1977 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अफसर हैं। जब केन्द्र में मोदी सरकार बनी थी, तब केद्र में यूपीए की अध्यक्षा सोनिया गांधी के करीबी कहे जाने वाले अजित सेठ कैबिनेट सेक्रटरी के पद पर थे। लेकिन केन्द्र में मोदी सरकार बनने के बाद उन्हें हटाया नहीं गया। उनके रिटायर होते ही सबसे वरिष्ठ अफसर प्रमोद कुमार सिन्हा को इस पद पर नियुक्त किया गया। सिन्हा को इस पद पर दो बार सेवा विस्तार दिया जा चुका है।

लिहाजा तीसरी बार सेवा विस्तार मिलने की उम्मीद कम ही है। हालांकि चर्चा इस बात की भी चल रही है कि सिन्हा को नई सरकार अपनी योजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए छह महीने का सेवा विस्तार दे सकती है। लेकिन अगर सरकार ऐसा करती है तो 1982 बैच के ज्यादातर अफसर इस दौड़ से बाहर हो जाएंगे। कुछ नौकरशाह इस बात को खारिज कर रहे हैं कि सिन्हा को वर्तमान मोदी सरकार सेवा विस्तार दे सकती है। अगर ऐसा होता है तो सिन्हा के रिटायर होने के बाद यूपी कैडर के आईएएस अविनाश कुमार श्रीवास्तव इस पद के लिए बाजी मार सकते हैं।

बहरहाल कैबिनेट सेक्रेटरी की इस दौड़ में सबसे आगे गृह सचिव राजीव गौबा, अविनाश कुमार श्रीवास्तव  के साथ ही अरूणा सुंदरराजन का नाम चल रहा है। गौबा 1982 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस हैं और वर्तमान में गृह सचिव के पद पर हैं। जबकि अरूणा इसी बैच की केरल कैडर की आईएएस हैं और वर्तमान में दूर संचार विभाग के सचिव के पद पर तैनात हैं। जबकि श्रीवास्तव उपभोक्ता मामलों के सचिव के पद पर हैं।

गौरतलब है कि गौबा को गृह सचिव के पद पर फिक्स दो साल की अवधि के लिए नियुक्त किया है। हालांकि पहले इस दौड़ में पश्चिम बंगाल कैडर के आईएएस और रक्षा सचिव मित्रा का नाम भी था। लेकिन वह इस महीने के आखिर में रिटायर हो रहे हैं। उन्हें भी दो साल के फिक्स अवधि के लिए नियुक्त किया गया था। हालांकि 1982 बैच के कई अफसर राज्यों में हैं।

लिहाजा उनके केन्द्र में आने की संभावना न के बराबर है। लेकिन केन्द्र में कुछ ही अफसर हैं जो अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसमें यूपी कैडर के अविनाश कुमार श्रीवास्तव, राजू शर्मा और बिहार कैडर के रमेश अभिषेक प्रमुख हैं। अरुणा सुंदरराजन की दावेदारी इसलिए मजबूत मानी जा रही है क्योंकि अभी तक इस पद पर किसी महिला को नियुक्त नहीं किया गया है।

अरूणा जुलाई के महीने में रिटायर होंगी। लिहाजा नई सरकार महिला को इस पद पर नियुक्त कर नौकरशाही को संदेश दे सकती है। आमतौर पर केन्द्र सरकार कैबिनेट सचिव के पद पर सबसे वरिष्ठ अफसरों को ही नियुक्त करती है। जबकि राज्यों में मुख्यसचिवों को नियुक्त करने में वरिष्ठता सूची को दरकिनार कर दिया जाता है।