साहू समाज से हो सकता है सीएम

चुनाव परिणामों से अब ये तय हो गया है कि छत्तीसगढ़ में अब कांग्रेस सरकार बनाएगी। राज्य की सत्ता से भाजपा बाहर हो गयी है और अजीत जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पायी। भाजपा 13 सीटें पर आगे चली है तो कांग्रेस 62 पर आगे चल है। लेकिन अब कांग्रेस के सामने असली समस्या राज्य के मुख्यमंत्री को लेकर है। क्योंकि राज्य में कई दिग्गज कतार में हैं। हालांकि कोई नया चेहरा राज्य की कमान संभाले, इसमें कोई अचरज नहीं होगा।

राज्य की सत्ता में 15 साल के बाद कांग्रेस की वापसी लगभग तय है। रुझानों में कांग्रेस 62 सीटों पर और भाजपा 13 सीटों पर आगे है। हालांकि अभी तक चुनाव आयोग ने परिणाम घोषित नहीं किए हैं। आठ सीटें जकांछ और बसपा के खाते में जाते दिख रही हैं। भाजपा की तरफ से रमन सिंह को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश किया गया था। लेकिन कांग्रेस ने चुनाव के दौरान किसी को भी मुख्यमंत्री घोषित नहीं किया। बहरहाल माय नेशन आपको कुछ नेताओं की जानकारी दे रहा है। जो इस पद के दावेदार माने जा रहे हैं।

भूपेश बघेल: पिछले कुछ समय में बघेल का नाम मीडिया की सुर्खियों में रहा है। पिछले साल सेक्स सीडी कांड के बाद बघेल अचानक विवादों में आए और उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। हालांकि इसके बाद भी कांग्रेस आलाकमान ने उन पर विश्वास जताया। वह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और पार्टी में कद्दावर नेता के रूप में जाने जाते हैं। बहरहाल कांग्रेस की वापसी में बघेल का भी बड़ा योगदान है और ऐसे में सीएम रेस में वह भी आगे दिख रहे हैं। बघेल पाटन सीट से अपने प्रत्याशी से दस हजार वोटों से आगे चल रहे हैं। उनके खिलाफ बीजेपी से मोतीलाल साहू हैं। 

त्रिभुनेश्वर शरण सिंहदेव:  राज्य की सरगुजा के राज परिवार से संबंध रखने वाले सिंहदेव अंबिकापुर सीट से चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने राज्य में टीएस बाबा के नाम से जाना जाता है और वह राज्य में सबसे अमीर प्रत्याशी हैं।

चरण दास महंत: महंत केन्द्र की यूपीए सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। इस बार उन्हें मुख्यमंत्री का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। वह सक्ती विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। महंत के खिलाफ बीजेपी के उम्मीदवार मेघाराम साहू चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर विजय हासिल की थी, जबकि उससे पहले चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।

ताम्रध्‍वज साहू: ताम्रध्वज साहू, साहू समाज से आते है जो राज्य में ओबीसी का सबसे बड़ा वर्ग है और प्रभावशाली भी है। साहू छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के इकलौते सांसद और पार्टी के ओबीसी चेहरा हैं। अगर राज्य में सीएम को लेकर पार्टी के भीतर अगर कोई गुटबाजी सामने आती है तो साहू पार्टी की पसंद हो सकते हैं। आगामी लोकसभा चुनाव और साहू वोटरों का प्रभाव देखते हुए पार्टी किसी ओबीसी को राज्य का मुख्यमंत्री बना सकती है। साहू दुर्ग ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और अपने प्रत्याशी से आगे हैं। इन चार नामों के अलावा कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रामदयाल उइके, डॉक्टर शिव डहरिया और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे का नाम भी चर्चा में है।