भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस से पाकिस्तान और चीन ही नहीं अमेरिका भी घबराया हुआ है। इस बात का सबूत देती हैं दो घटनाएं। जिसमें से एक घटना दो दिन पहले की है और दूसरी आज यानी बुधवार की है। इन दोनों घटनाओं से खुलासा होता है, कि कैसे चीन,पाकिस्तान और अमेरिका ब्रह्मोस से जुड़ी जानकारियां हासिल करने के लिए बेताब हैं।
ब्रह्मोस दुनिया की अत्याधुनिक क्रूज मिसाइल है। इसे भारत-रुस के साझा प्रयास से बनाया गया है। यह आवाज की गति से भी तेज स्पीड से दुश्मन पर प्रहार करती है। जो कि अमेरिका की टॉमहॉक मिसाइल से चार गुना तेज है।
लेकिन ब्रह्मोस की इन्हीं खूबियों ने चीन, पाकिस्तान और यहां तक कि अमेरिका को भी बेचैन कर दिया है। क्योंकि ब्रह्मोस का तोड़ इनमें से किसी के पास नहीं है। भारतीय वैज्ञानिकों की सालों की कड़ी मेहनत और तेज दिमाग का जीता-जागता सबूत है ब्रह्मोस। जिसे विकसित करने में चीनी-पाकिस्तानी और अमेरिकियों को कई दशक लग जाएंगे।
इसलिए इन लोगों ने गलत लेकिन छोटा रास्ता चुना है।
चीन,पाकिस्तान और अमेरिका ने ब्रह्मोस से जुड़ी जानकारियां चुराने की जीतोड़ कोशिश शुरु कर दी है। जिससे कि वह ब्रह्मोस के जवाब में अपनी मिसाइल तैयार कर सकें।
चीन-पाकिस्तान, अमेरिका की इन्हीं साजिशों के नतीजे में दो खबरें सामने आईं।
- पश्चिम बंगाल में अलीपुर द्वार जिले के मदारीहाट से रफीकुल इस्लाम नाम का एक शख्स गिरफ्तार किया गया। उसको को मिलिट्री इंटेलिजेन्स, सशस्त्र सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया है। रफीकुल के पास से डीआरडीओ की एक किट मिली है। जिसमें ब्रह्मोस की बारीकियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। यहां तक कि उसपर वरिष्ठ वैज्ञानिक नीरज कुमार के हस्ताक्षर भी हैं। इसपर 27 मार्च 2017 की तारीख है।
खबर है, कि यह सीक्रेट डॉक्यूमेन्ट ओडिशा में डीआरडीओ के बालासोर ऑफिस से चुराया गया था। रफीकुल इस्लाम इसे लेकर भूटान जा रहा था। ऐसा संदेह है, कि भूटान जाकर रफीकुल इस डॉक्यूमेन्ट को चीनी जासूसों को सौंप देता।
- दूसरी खबर है दो दिन पहले नागपुर से गिरफ्तार किए गए डीआरडीओ के सीनियर सिस्टम इंजीनियर निशांत अग्रवाल की। इसको ‘पूजा शर्मा’ और ‘नेहा रंजन’ नाम की दो फर्जी फेसबुक प्रोफाइल से फंसाया गया था। जो कि दरअसल पाकिस्तानी जासूस थे। खबर है कि निशांत दिल्ली में अमेरिकी खुफिया संस्था सीआईए की एक जासूस के संपर्क में भी था। निशांत को यूपी एटीएस और मिलिट्री इंटेलिजेन्स की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया।
उसकी गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने डीआरडीओ के दो और वैज्ञानिकों से पूछताछ की है। जिन्होंने जानकारी दी, कि पाकिस्तानी खुफिया संस्था आईएसआई की जिस एजेन्ट ने निशांत को फंसाया है। वह फेसबुक की 15-20 प्रोफाइल पर अलग अलग नामों से सक्रिय है। यह फेसबुक प्रोफाइल पाकिस्तान के आईपी एड्रेस से संचालित होता है।
ताजा खबर के मुताबिक गिरफ्तार कि गए निशांत अग्रवाल को नागपुर सेशंस कोर्ट ने तीन दिनों की ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया है।
पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार और महाराष्ट्र के नागपुर के बीच की दूरी लगभग डेढ़ हजार(1500) किलोमीटर है।
लेकिन बंगाल से गिरफ्तार रफीकुल इस्लाम और महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया निशांत अग्रवाल, दोनों का मकसद एक ही था, दुश्मनों के लिए घातक भारत की ब्रह्मोस मिसाइल की जानकारियों को चुराना।
जहां निशांत पाकिस्तानी और अमेरिकी जासूसों को ब्रह्मोस की जानकारियां दे रहा था। वहीं रफीकुल इस्लाम चीन के लिए काम कर रहा था।
यह दो घटनाएं तो महज एक उदाहरण हैं। भारतीय सुपरसोनिक क्रूज ब्रह्मोस की खासियतों से दुनिया इतनी परेशान है, कि अगर बारीकी से जांच की जाए तो हो सकता है, कि ब्रह्मोस की जानकारी चुराने की फिराक में लगे कई और जासूस पकड़ लिए जाएं।
Last Updated Oct 10, 2018, 9:49 PM IST